नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दाखिल कर अपनी “केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं” वाली टिप्पणी बिना शर्त वापस ले ली है।
सोमवार को न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने शिकायतकर्ता हरेश मेहता की ओर से पेश वकील से निर्देश लेने को कहा कि क्या तेजस्वी यादव के खिलाफ मुकदमा चलाना अब जरूरी रह गया है, क्योंकि राजद नेता ने अपनी कथित मानहानिकारक टिप्पणी वापस ले ली है।
अपने हलफनामे में तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य गुजराती लोगों को ठेस पहुंचाना या किसी विशेष राज्य के समुदाय को निशाना बनाना नहीं था।
पीठ में न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां भी शामिल थे। उन्होंने संकेत दिया कि वह पार्टियों के बीच “पूर्ण न्याय” करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष लंबित आपराधिक मानहानि के मुकदमे को रद्द कर देगी।
मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
नवंबर 2023 में तेजस्वी यादव द्वारा आपराधिक मानहानि मामले को गुजरात से बिहार स्थानांतरित करने की मांग के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
शिकायत तेजस्वी यादव की पिछले साल मार्च में पटना में की गई कथित टिप्पणी से जुड़ी है। आरोप है कि यादव ने कहा था कि ‘आज के समय में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उन्हें माफ भी कर दिया जाएगा।’
तेजस्वी ने यह टिप्पणी पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द किए जाने के संदर्भ में की थी और उनका इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ था।
अपनी शिकायत में एक सामाजिक कार्यकर्ता और अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी और अपराध निवारक परिषद नामक संगठन के उपाध्यक्ष मेहता ने आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां गुजरातियों को सार्वजनिक रूप से बदनाम और अपमानित करती हैं।
–आईएएनएस
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