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तेजी से होगा शिकायतों का समाधान, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने 1,000 कंपनियों को किया ऑनबोर्ड

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November 24, 2024
in अर्थजगत
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तेजी से होगा शिकायतों का समाधान, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने 1,000 कंपनियों को किया ऑनबोर्ड
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नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के लिए अपने कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत 1,000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

–आईएएनएस

एबीएस/

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नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के लिए अपने कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत 1,000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की है।

ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

–आईएएनएस

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के लिए अपने कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत 1,000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की है।

ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

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यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के लिए अपने कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत 1,000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की है।

ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

–आईएएनएस

एबीएस/

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नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के लिए अपने कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत 1,000 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी की है।

ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

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यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

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बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

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बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

आगे कहा कि साझेदारी कंपनियों की संख्या बढ़कर 1,009 हो गई है, जो कि 2017 में 263 थी। यह वृद्धि हेल्पलाइन की दक्षता बढ़ाने, त्वरित और प्रभावी शिकायत निवारण को सक्षम करने और पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में इन भागीदारों की भूमिका को उजागर करती है।

यह साझेदारी सुनिश्चित करती हैं कि उपभोक्ता शिकायतों का निपटान मुकदमेबाजी होने से पहले के चरण में ही कर लिया जाए, जिससे उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिले। हालांकि, यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है, तो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपयुक्त उपभोक्ता आयोग से संपर्क कर सकते हैं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चल रही शिकायतों को लेकर और कन्वर्जेंस प्रोग्राम में साझेदार बनाने के लिए इन कंपनियों के साथ अगले हफ्ते बैठक प्रस्तावित है।

बयान में आगे कहा गया कि एनसीएच के तकनीकी परिवर्तन से इसकी कॉल-हैंडलिंग क्षमता में मजबूत वृद्धि हुई है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉल से बढ़कर जनवरी 2024 में 1,41,817 कॉल तक लगभग दस गुना हो गई है।

यह तेजी से वृद्धि अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन का उपयोग करने में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है।

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ये कंपनियां ई-कॉमर्स, यात्रा और पर्यटन, निजी शिक्षा, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, रिटेल आउटलेट, ऑटोमोबाइल, डीटीएच, केबल सर्विसेज, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को बताया गया कि कन्वर्जेंस प्रोग्राम के तहत इन कंपनियों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन समाधान के लिए सीधे उनके पास स्थानांतरित कर दी जाती हैं।

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उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शीर्ष दस नॉन-कन्वर्जेंस कंपनियों की पहचान की है जिन्हें चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन कंपनियों में डेल्हीवेरी लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्सकॉम्पडॉटकॉम, डोमिनोज पिज्जा, हायर एप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्टक्राई.कॉम, थॉमसन इंडिया, महिंद्रा और महिंद्रा, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड और सिम्फनी लिमिटेड शामिल हैं।

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