हैदराबाद, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को पार्टी की तेलंगाना इकाई के असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात की ताकि पार्टी में पिछले कुछ दिनों से संकट का समाधान निकालने की कोशिश की जा सके।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी)ने उनको हैदराबाद भेजा है। वह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के मुख्यालय गांधी भवन में व्यक्तिगत रूप से नेताओं से मिल रहे हैं।
सिंह गुरुवार रात तक नेताओं से मुलाकात करेंगे और पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर उनकी राय जानेंगे। पार्टी सूत्रों ने कहा कि इन सूचनाओं के आधार पर वह आलाकमान को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।
दिग्गज नेता और पूर्व सांसद वी. हनुमंत राव सबसे पहले दिग्विजय सिंह से मिले। प्रत्येक नेता को अपनी बात रखने के लिए 10-15 मिनट का समय दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से नेताओं से मिलना पसंद किया क्योंकि यह महसूस किया गया था कि सभी के साथ एक आम बैठक का परिणाम ठीक नहीं रहेगा और संकट का समाधान खोजने के उद्देश्य को पूरा नहीं कर सके गा।
वह हाल ही में गठित पार्टी पैनल पर असंतुष्ट नेताओं की आपत्तियों को सुनेंगे।
जैसा कि पार्टी के कुछ नेताओं पर अन्य दलों के लिए काम करने का आरोप लगा है, दिग्विजय सिंह के भी इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से भी नेताओं का एक वर्ग नाराज है।
माना जा रहा है कि सिंह विभिन्न नेताओं के मन की बात जानने के अलावा अगले साल होने वाले चुनाव से पहले पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इस बारे में उनसे सलाह भी ले रहे हैं।
असंतुष्ट नेताओं के एक समूह ने 17 दिसंबर को एक बैठक की और अन्य दलों से कांग्रेस में आए नेताओं को पार्टी के पैनल में जगह देने पर नाखुशी जताई।
2017 में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) से इस्तीफा देने के बाद खुद कांग्रेस में शामिल होने वाले टीपीसीसी अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी के खिलाफ एक खुले विद्रोह के रूप में देखा जा रहा है, इस समूह ने राज्य में कांग्रेस बचाओ आंदोलन शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने इसे असली कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के प्रवासियों के बीच की लड़ाई करार दिया।
असंतुष्टों में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क और टीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष एन. उत्तम कुमार रेड्डी शामिल हैं।
संकट एक दिन बाद गहरा गया जब रेवंत रेड्डी के वफादार माने जाने वाले 13 नेताओं ने पार्टी पदों को छोड़ने का फैसला किया। पैनल में शामिल नहीं किए जाने से नाखुश कुछ नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया।
असंतुष्ट समूह ने भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए 20 दिसंबर को एक बैठक बुलाई थी। हालांकि, आलाकमान ने समूह को बैठक आयोजित करने से रोकने के लिए हस्तक्षेप किया।
दिग्विजय सिंह ने पूर्व विधायक महेश्वर रेड्डी को फोन कर बैठक रद्द करने को कहा। केंद्रीय नेता ने उनसे कहा कि अगर कोई मसला है तो केंद्रीय नेतृत्व बातचीत के जरिए सुलझा लेगा।
–आईएएनएस
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