हैदराबाद, 18 जून (आईएएनएस)। भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने रविवार को मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को पिछले नौ वर्षों के दौरान तेलंगाना के विकास पर बहस करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी भाजपा की ओर से चर्चा में भाग लेंगे। उन्होंने करीमनगर में संवाददाताओं से कहा, मुख्यमंत्री को बहस के लिए आने दीजिए।
संजय ने कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर को अपनी सरकार और केंद्र द्वारा राज्य को दिए जाने वाले फंड पर बहस करनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि केसीआर यह भी बताएं कि वह पिछले चुनावों के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में क्यों विफल रहे और वह 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज कैसे चुकाएंगे।
संजय ने दोहराया कि भाजपा तेलंगाना में अपने दम पर सत्ता में आएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा अच्छी योजनाओं को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा कुछ बदलावों के साथ धरणी पोर्टल को भी जारी रखेगी। उन्होंने टिप्पणी की कि यह एक अच्छा कदम है, लेकिन इसका इस्तेमाल केसीआर परिवार के हितों की सेवा के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, धरनी पोर्टल के कारण जिन लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है, हम उनके साथ न्याय करेंगे।
भाजपा नेता ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं के आरोपों को खारिज कर दिया कि भाजपा बीआरएस के साथ मिली हुई है और दावा किया कि कांग्रेस और बीआरएस के बीच गुप्त समझौता है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी ही थी, जिसने दुब्बाका और हुजुराबाद में विधानसभा उपचुनावों में बीआरएस को हराया और मुनुगोडे और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों में भी पार्टी को कड़ी टक्कर दी। वह जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने इन चुनावों में खराब प्रदर्शन क्यों किया।
संजय ने यह भी आरोप लगाया कि बीआरएस ने कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी को धन मुहैया कराया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सांसद कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और वरिष्ठ नेता जना रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि बीआरएस और कांग्रेस हाथ मिला लेंगे।
बीजेपी नेता ने कहा कि बीआरएस और कांग्रेस की मिलीभगत इस बात से साफ है कि कांग्रेस के टिकट पर चुने गए लोग बीआरएस में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा, केसीआर कांग्रेस और बीआरएस दोनों के उम्मीदवारों का फैसला करते हैं। वह पहले ही 30 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला कर चुके हैं।
संजय ने यह भी याद किया कि जब एनडीए ने एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया था, तो कांग्रेस और बीआरएस ने मिलकर उन्हें हराने की कोशिश की थी।
–आईएएनएस
सीबीटी