हैदराबाद, 1 अगस्त (आईएएनएस)। तेलंगाना में विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। ये विधायक विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से पार्टी की दो महिला विधायकों के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग कर रहे थे।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव और अन्य विधायकों को मुख्यमंत्री के कक्ष के सामने विरोध प्रदर्शन के बाद परिसर से बाहर निकाल दिया गया।
विधानसभा मार्शलों ने बीआरएस विधायकों को विधानसभा भवन से बाहर निकाला। प्रदर्शनकारी विधायकों को पुलिस वाहनों में ले जाया गया और बाद में उन्हें बीआरएस मुख्यालय तेलंगाना भवन ले जाया गया।
काली पट्टी पहने विधायकों ने अपनी पार्टी की विधायक पी. सबिता इंद्रा रेड्डी को बोलने के लिए माइक नहीं दिए जाने के विरोध में विधानसभा से बाहर निकलने के बाद मुख्यमंत्री के कक्ष के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीआरएस सदस्य खड़े हो गए और मांग की कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, बुधवार को सदन में सबिता इंद्र रेड्डी और सुनीता लक्ष्मा रेड्डी के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगें।
विधानसभा स्पीकर गद्दाम प्रसाद कुमार ने जैसे ही सूचीबद्ध कार्य को आगे बढ़ाया, बीआरएस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। जब उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू स्किल यूनिवर्सिटी बिल पर बोल रहे थे तब उन्होंने कार्यवाही में बाधा डालने का प्रयास किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य विपक्षी विधायकों से अपनी सीटों पर जाने की बार-बार अपील की। इसके बावजूद उन्होंने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। विरोध के बीच अध्यक्ष ने कार्यवाही का संचालन किया।
बहस में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आरक्षण के लिए अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम के फैसले का स्वागत किया। विधायी मामलों के मंत्री श्रीधर बाबू ने बीआरएस सदस्यों की नारेबाजी पर कड़ी आपत्ति जताई और उनसे अपना व्यवहार बदलने की अपील की।
एआईएमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने अध्यक्ष से सदन में व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार या तो मुख्य विपक्षी विधायकों को बोलने का मौका दे या उन्हें निलंबित कर दे।
श्रीधर बाबू ने कहा कि सरकार चाहती है कि विपक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों पर बहस में हिस्सा ले। अकबरुद्दीन ओवैसी की बार-बार मांग पर अध्यक्ष ने बीआरएस विधायक हरीश राव को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलने की अनुमति दी।
पूर्व मंत्री ने सदन की कार्यवाही के संचालन के तरीके पर आपत्ति जताते हुए सदन को ‘कौरव सभा’ करार दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करने के बाद जब हरीश राव ने महिला विधायकों के बारे में मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बारे में बोलना शुरू किया तो अध्यक्ष ने अपना माइक बंद कर दिया।
इस पर भड़के बीआरएस विधायक सदन से बाहर चले गए और मुख्यमंत्री के कक्ष के सामने बैठ गए। हालांकि, सबिता इंद्र रेड्डी और सुनीता लक्ष्मा रेड्डी सदन में ही रहीं और बोलने का मौका मांगती रहीं। बीआरएस ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 2018 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सबिता इंद्र रेड्डी के बीआरएस में शामिल होने का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की थी।
–आईएएनएस
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