हैदराबाद, 3 मई (आईएएनएस)। तेलंगाना हाईकोर्ट से शुक्रवार को वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्या मामले में कडप्पा सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी को राहत मिली। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत रद्द करने की याचिका खारिज कर दी।
मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने शेख दस्तगिरी ने याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति के. लक्ष्मण ने पिछले महीने याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट ने इसी मामले में अविनाश रेड्डी के पिता भास्कर रेड्डी को भी जमानत दे दी। उन्हें पहले स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी।
हालांकि, अदालत ने अन्य आरोपियों जी. उदय कुमार रेड्डी और सुनील यादव को जमानत देने से इनकार कर दिया।
दस्तगिरी की याचिका पर सीबीआई ने भी जवाब दाखिल किया और उसके वकील ने तर्क दिया कि अविनाश रेड्डी ने काफी प्रभाव डाला और मामले में कुछ गवाहों को प्रभावित करने में कामयाब रहे।
विवेकानंद रेड्डी की बेटी वाईएस सुनीता रेड्डी ने भी अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत के खिलाफ याचिका दायर की थी।
हालांकि, अविनाश रेड्डी के वकील टी. निरंजन रेड्डी ने तर्क दिया था कि दस्तगिरी पहले से ही गवाह संरक्षण योजना के तहत सुरक्षा में थे।
हाईकोर्ट ने अविनाश रेड्डी को 31 मई 2023 को जमानत दे दी थी। अविनाश रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई हैं।
उन्होंने तीन बार सीबीआई के सामने पेश होने में विफल रहने के बाद अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
पूर्व मंत्री विवेकानंद रेड्डी की चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला शहर में उनके आवास पर अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। उस समय वह घर पर अकेले थे।
–आईएएनएस
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