नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस) । रेलवे बोर्ड ने त्योहारी सीजन की भीड़ को देखते हुए 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 7,663 स्पेशल ट्रेन सर्विस शुरू की है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 73 फीसदी अधिक है।
रेलवे बोर्ड ने इसे लेकर एक बयान जारी किया है।, “पूजा/दिवाली/छठ 2024 की भीड़ के लिए कुल 7,663 स्पेशल ट्रेन सर्विस अधिसूचित की गई हैं। पिछले साल इस अवधि के दौरान केवल 4,429 ट्रिप्स ही संचालित किए गए थे।”
बयान में कहा गया है कि भारतीय रेलवे ने 24 अक्टूबर से 4 नवंबर तक दिवाली और छठ उत्सव के दौरान 957.24 लाख नॉन सब अर्बन यात्रियों को सफर करवाया, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 923.33 लाख यात्रियों ने यात्रा की थी, जो इस साल 33.91 लाख यात्रियों की वृद्धि दर्शाता है।
4 नवंबर को 1.2 करोड़ से ज़्यादा यात्रियों ने इन सेवाओं का लाभ उठाया, जिसमें 19.43 लाख आरक्षित और 1.01 करोड़ से ज्यादा अनारक्षित नॉन सबअर्बन यात्री शामिल थे, जो चालू वर्ष के लिए एक दिन में यात्रियों की सबसे ज्यादा संख्या थी। बयान में कहा गया है कि यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 3 नवंबर को 207 और 4 नवंबर को 203 स्पेशल ट्रेन चलाई गईं।
रेलवे बोर्ड की ओर से यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब सोशल मीडिया पर ऐसी कई पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिनमें ट्रेन में ज्यादा भीड़ देखी जा रही है। वहीं, कुछ स्टेशन पर यात्री खिड़कियों से कोच में चढ़ते नजर आ रहे हैं।
पिछले सप्ताह भारतीय रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा था कि यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने और किसी भी घटना से बचने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
बयान में कहा गया है, “दिवाली और छठ के दौरान पूरे भारत में ट्रेन से यात्रा करना एक चुनौती भरा काम है, लेकिन नवरात्रि और दुर्गा पूजा के दौरान इसी तरह के परिचालन को सफलतापूर्वक प्रबंधित करने के बाद, भारतीय रेलवे अब यात्रियों को चालू दिवाली और आगामी छठ समारोहों के लिए उनके मूल स्थानों तक पहुंचने में मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार है।”
सभी यात्रियों से यह भी आग्रह किया गया है कि अगर उन्हें रेलवे परिसर में कोई संदिग्ध पदार्थ दिखाई दे तो वे हेल्पलाइन 139 और रेल मदद पोर्टल का उपयोग कर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को सूचित करें।
आग के किसी भी खतरे को रोकने के लिए 15 अक्टूबर से सामान की जांच और पार्सल जांच के साथ-साथ पोर्टेबल स्टोव का उपयोग करने वाले विक्रेताओं और हॉकरों की निगरानी भी की जा रही है।
–आईएएनएस
एसकेटी/केआर