अगरतला, 4 अगस्त (आईएएनएस)। त्रिपुरा की दो विधानसभा सीटों – बॉक्सानगर और धनपुर पर मंगलवार को होने वाले उपचुनाव में पांच साल से अधिक समय बाद सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।
राज्य में अन्य दो मुख्य विपक्षी दलों – कांग्रेस और टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) ने विपक्षी दलों के वोट शेयर के विभाजन को रोकने के लिए दो विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।
हालांकि, प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन के नेतृत्व वाले टीएमपी के नेताओं ने मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं पर विकल्प छोड़ते हुए महत्वपूर्ण उपचुनावों में भाजपा या माकपा का समर्थन नहीं करने की घोषणा की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष आशीष कुमार साहा, कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन और अन्य पार्टी नेताओं ने बॉक्सानगर और धनपुर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया है।
साहा ने आईएएनएस से कहा, “भाजपा को हराने और भारतीय गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए हमने दोनों विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार किया है।”
विपक्षी गठबंधन – भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) के गठन के बाद मंगलवार का उपचुनाव इसकी पहली चुनावी लड़ाई होगी।
राजनीतिक पंडितों ने कहा कि उपचुनाव सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक अग्निपरीक्षा है, क्योंकि इस बार विपक्षी वोटों बंटने की कम है।
मुख्यमंत्री माणिक साहा, पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, राज्य भाजपा अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्जी और अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित शीर्ष भाजपा नेताओं ने दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में भाग लिया, जिससे उपचुनाव ‘प्रतिष्ठा की लड़ाई’ बन गया।
दूसरी ओर, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य माणिक सरकार और पार्टी के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने भी पार्टी उम्मीदवारों के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया।
माकपा ने बॉक्सानगर में मिजान हुसैन और धनपुर में कौशिक चंदा को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने बॉक्सानगर में तफज्जल हुसैन और धनपुर में बिंदु देबनाथ को मैदान में उतारा है।
माकपा के मिजान हुसैन और बीजेपी के बिंदु देबनाथ पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कौशिक चंदा और तफज्जल हुसैन ने इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया था।
विपक्ष के नेता और टीएमपी के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा ने पहले कहा था कि मंगलवार के उपचुनाव में वे विपक्ष के वोट विभाजन को रोकना चाहते हैं।
देबबर्मा ने कहा कि फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 फीसदी वोट मिले, वह सत्ता पर कायम रही, जबकि बंटे हुए विपक्षी दलों को 60 फीसदी वोट मिले थे।
फरवरी में वाम दलों और कांग्रेस ने सीट-बंटवारे के फॉर्मूले के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, जबकि टीएमपी अकेले चुनाव लड़ी थी।
धनपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक द्वारा भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट से चुने जाने के कुछ दिनों बाद विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद जरूरी हो गया था।
मुस्लिम बहुल बॉक्सानगर विधानसभा सीट मौजूदा माकपा विधायक समसुल हक की मौत के बाद खाली हो गई थी, जिनकी 19 जुलाई को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
कुल मिलाकर, 45,222 महिला मतदाताओं सहित 93,495 मतदाता दो सीटों पर चार-चार, आठ उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए वोट डालने के पात्र हैं।
–आईएएनएस
एसजीके