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Home Today's Special News

त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के एक और विधायक ने इस्तीफा दिया

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January 30, 2023
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त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के एक और विधायक ने इस्तीफा दिया
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अगरतला, 30 जनवरी (आईएएनएस)। 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ भाजपा को पार्टी के एक और विधायक ने झटका दिया। अतुल देबबर्मा ने सोमवार को त्रिपुरा विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

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देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

टीआईपीआरए अब राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 30 सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) पर शासन कर रहा है।

–आईएएनएस

एसजीके

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अगरतला, 30 जनवरी (आईएएनएस)। 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ भाजपा को पार्टी के एक और विधायक ने झटका दिया। अतुल देबबर्मा ने सोमवार को त्रिपुरा विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

टीआईपीआरए अब राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 30 सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) पर शासन कर रहा है।

–आईएएनएस

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अगरतला, 30 जनवरी (आईएएनएस)। 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ भाजपा को पार्टी के एक और विधायक ने झटका दिया। अतुल देबबर्मा ने सोमवार को त्रिपुरा विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

टीआईपीआरए अब राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 30 सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) पर शासन कर रहा है।

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चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

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बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

टीआईपीआरए अब राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 30 सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) पर शासन कर रहा है।

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चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

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चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

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59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

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देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

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59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

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–आईएएनएस

एसजीके

अगरतला, 30 जनवरी (आईएएनएस)। 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ भाजपा को पार्टी के एक और विधायक ने झटका दिया। अतुल देबबर्मा ने सोमवार को त्रिपुरा विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

टीआईपीआरए अब राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 30 सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) पर शासन कर रहा है।

–आईएएनएस

एसजीके

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अगरतला, 30 जनवरी (आईएएनएस)। 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ भाजपा को पार्टी के एक और विधायक ने झटका दिया। अतुल देबबर्मा ने सोमवार को त्रिपुरा विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

टीआईपीआरए अब राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 30 सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) पर शासन कर रहा है।

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चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

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देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

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चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

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इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

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चिकित्सक से राजनेता बने देबबर्मा ने सोमवार को खोवाई जिले के कृष्णपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकनपत्र दाखिल किया।

देबबर्मा और छह अन्य भाजपा विधायकों को अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस बार कृष्णापुर विधानसभा सीट से बिकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अतुल देबबर्मा भाजपा के 6वें विधायक और भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 9वें विधायक हैं, जिन्होंने 2021 से अब तके विधानसभा और संबंधित पार्टियों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनका नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था और अभी तक किसी को भी सूचित नहीं किया गया था।

59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

उन्होंने कहा कि अपने समर्थकों के भारी दबाव के कारण उन्हें भाजपा छोड़कर निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल करना पड़ा।

इससे पहले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल, बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास, सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा और आईपीएफटी के विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय सरकार ने त्रिपुरा में सत्तारूढ़ दलों के साथ खुले मतभेदों के बाद पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बुर्बा मोहन त्रिपुरा और तीन आईपीएफटी विधायक प्रभावशाली जनजातीय-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे थे।

टीआईपीआरए अब राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 30 सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) पर शासन कर रहा है।

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भाजपा ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि उसके सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने शेष पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

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59 वर्षीय नेता ने आईएएनएस को बताया, 2018 में मैंने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गया और कृष्णापुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुना गया। मैंने लोगों को सेवाएं देने की पूरी कोशिश की है। अगर मैं सरकारी नौकरी नहीं छोड़ता, तो कई वर्षो तक काम कर सकता था।

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दास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री रॉय बर्मन, साहा और हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हो गए।

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