नोम पेन्ह, 11 जून (आईएएनएस)। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने थाईलैंड के साथ चल रहे सीमा विवाद को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जाने की घोषणा की है। हुन मानेट ने इस मामले को लेकर एक उच्च स्तरीय दस्तावेज समिति बनाई है।
स्थानीय मीडिया ने बुधवार को बताया कि उच्च स्तरीय दस्तावेज समिति लंबे समय से चले आ रहे मामले को आईसीजे में ले जाने की जिम्मेदारी संभालेगी।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया, जब कंबोडिया और थाईलैंड 14 जून को नोम पेन्ह में सीमा मुद्दों पर ज्वाइंट बाउंड्री कमीशन (जेबीसी) की बैठक आयोजित करने वाले हैं।
कंबोडियाई सरकार ने मंगलवार को बताया कि उसने मोम बेई, ता मोआन थॉम मंदिर, ता मोआन तौच मंदिर और ता क्रबेई मंदिर के क्षेत्रों के संबंध में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला दायर करने के लिए दस्तावेज तैयार करने के लिए समिति बनाई है।
कंबोडियाई समाचार पत्र ‘खमेर टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, देश के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री प्राक सोखोन की अध्यक्षता वाली समिति के पास अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के सामने कंबोडिया साम्राज्य की ओर से कार्य करने का अधिकार और क्षमता होगी।
हालांकि, थाईलैंड चाहता था कि सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय व्यवस्था के जरिए हल किया जाए।
थाई प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा ने पुष्टि की है कि उन्होंने अपने कंबोडियाई काउंटरपार्ट हुन मानेट और उनके पिता हुन सेन के साथ चर्चा की। वह विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए आपसी प्रतिबद्धता पर सहमत हुए।
थाईलैंड के प्रमुख समाचार पत्र ‘बैंकॉक पोस्ट’ ने पैतोंगतार्न के हवाले से लिखा, “शांतिपूर्ण दृष्टिकोण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं। ईमानदार और पारदर्शी बातचीत के जरिए हम हिंसक टकराव की जरूरत के बिना स्थिति को शांत करने में सक्षम थे।”
थाईलैंड की पीएम ने पुष्टि की है कि 14 जून को निर्धारित बैठक दोनों देशों की योजना के अनुसार आगे बढ़ेगी।
चूंकि, कंबोडिया इस मामले को आईसीजे में ले जाने चाहता है, इसलिए थाई सरकार आईसीजे के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार न करने के अपने रुख पर कायम है।
28 मई को एमराल्ड ट्राएंगल के सीमावर्ती क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच कुछ देर के लिए गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई। इसके बाद से थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद और अधिक बढ़ गया है।
–आईएएनएस
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