लखनऊ, 30 जनवरी (आईएएनएस)। लखनऊ के झलकारी बाई अस्पताल में सोमवार को उस वक्त जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला, जब एक दंपत्ति ने नवजात बच्ची को छोड़कर अस्पताल से भागने की कोशिश की। अस्पताल के कर्मचारियों और पुलिस ने दंपत्ति को जाने से रोक दिया।
अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
बाद में दंपत्ति अस्पताल में ही रहने को राजी हो गए। बच्ची के इलाज के दौरान भी अस्पताल का स्टाफ उन पर नजर रख रहा है।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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लखनऊ, 30 जनवरी (आईएएनएस)। लखनऊ के झलकारी बाई अस्पताल में सोमवार को उस वक्त जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला, जब एक दंपत्ति ने नवजात बच्ची को छोड़कर अस्पताल से भागने की कोशिश की। अस्पताल के कर्मचारियों और पुलिस ने दंपत्ति को जाने से रोक दिया।
अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
बाद में दंपत्ति अस्पताल में ही रहने को राजी हो गए। बच्ची के इलाज के दौरान भी अस्पताल का स्टाफ उन पर नजर रख रहा है।
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लखनऊ, 30 जनवरी (आईएएनएस)। लखनऊ के झलकारी बाई अस्पताल में सोमवार को उस वक्त जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला, जब एक दंपत्ति ने नवजात बच्ची को छोड़कर अस्पताल से भागने की कोशिश की। अस्पताल के कर्मचारियों और पुलिस ने दंपत्ति को जाने से रोक दिया।
अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
बाद में दंपत्ति अस्पताल में ही रहने को राजी हो गए। बच्ची के इलाज के दौरान भी अस्पताल का स्टाफ उन पर नजर रख रहा है।
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लखनऊ, 30 जनवरी (आईएएनएस)। लखनऊ के झलकारी बाई अस्पताल में सोमवार को उस वक्त जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला, जब एक दंपत्ति ने नवजात बच्ची को छोड़कर अस्पताल से भागने की कोशिश की। अस्पताल के कर्मचारियों और पुलिस ने दंपत्ति को जाने से रोक दिया।
अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
बाद में दंपत्ति अस्पताल में ही रहने को राजी हो गए। बच्ची के इलाज के दौरान भी अस्पताल का स्टाफ उन पर नजर रख रहा है।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
डॉ. निवेदिता ने कहा कि जब डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहे थे तब दंपत्ति ने अस्पताल छोड़ने का प्रयास किया। हाथ में आईवी कैथेटर लेकर अस्पताल से बाहर जा रही महिला को सुरक्षा गार्ड ने देख लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की। लेकिन, असफल रहे। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी।
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
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अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निवेदिता कर ने कहा, “लखनऊ कैंट की रहने वाली महिला ने 22 जनवरी को अस्पताल में सिजेरियन सेक्शन के जरिए एक लड़की को जन्म दिया। नौवें दिन बच्ची की हालत बिगड़ गई, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।”
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