सोल, 30 दिसंबर (आईएएनएस): संयुक्त जांच टीम ने सोमवार को जानकारी दी कि उसने राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ मार्शल लॉ लागू करने के मामले में गिरफ्तारी वारंट मांगा है। टीम ने कहा कि उसने विद्रोह और सत्ता के गलत इस्तेमाल के आरोपों पर वारंट की मांग की है, यून ने पूछताछ के लिए पेश होने के तीन समन की अनदेखी की है।
उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ), पुलिस और रक्षा मंत्रालय की जांच इकाई से बनी टीम के अनुसार, यह अनुरोध रविवार मध्य रात्रि को सोल पश्चिमी जिला न्यायालय में दायर किया गया।
जांचकर्ताओं का कहना है कि यून ने विद्रोह का नेतृत्व किया और 3 दिसंबर को मार्शल लॉ घोषित करके अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने कथित तौर पर सांसदों को मार्शल लॉ के खिलाफ मतदान करने से रोकने के लिए नेशनल असेंबली में सैनिकों को आदेश दिया।
यून ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि मार्शल लॉ की घोषणा विपक्षी पार्टी को विधायी शक्ति के गलत इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी देने के लिए एक ‘शासकीय कार्य’ था।
योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि यून के कानूनी प्रतिनिधियों में से एक यून गैप-ग्यून ने कहा कि वे गिरफ्तारी वारंट अनुरोध पर अदालत में ओपिनियन दस्तावेज और वकीलों की नियुक्ति की सूचना पेश करेंगे।
ग्यून ने सीआईओ के बारे में कहा, “यह एक ऐसी एजेंसी का अनुरोध है जिसके पास (विद्रोह के आरोपों) की जांच करने का अधिकार नहीं है।”
नेशनल असेंबली ने 14 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। यह प्रस्ताव मंगलवार (03 दिसंबर) रात को मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ लाया गया था। अब सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा।
न्यायालय यह फैसला करेगा कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा।
साउथ कोरिया की नेशनल असेंबली ने 27 दिसंबर को कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। उन्हें राष्ट्रपति यून सूक योल की जगह लिए अभी दो सप्ताह का समय भी पूरा नहीं हुआ था।
महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद हान को उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया। उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाली है।
बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।
मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।
–आईएएनएस
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