सोल, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति यून सूक योल पर सोमवार को यात्रा प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। पिछले हफ्ते कुछ घंटे के लिए मार्शल लॉ लागू करने से जुड़े राजद्रोह और अन्य आरोपों की जांच के चलते यह बैन लगाया गया।
योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक न्याय मंत्रालय ने यह प्रतिबंध लागू किया। उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने इस आदेश के लिए अनुरोध दिया था।
पिछले मंगलवार को मार्शल लॉ की अचानक घोषणा के बाद पुलिस, अभियोजन पक्ष और सीआईओ द्वारा एक साथ की गई जांच में यून के खिलाफ संदिग्ध के रूप में मामला दर्ज किया गया है।
बता दें यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीतिक को हिला कर रख दिया।
यून के मार्शल लॉ लगाने के कदम की विपक्षी पार्टियों के साथ ही सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी ने भी आलोचना की।
इसके बाद मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने भी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश किया। हालांकि शनिवार को सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के तीन सांसदों को छोड़कर बाकी सभी ने इस पर मतदान का बहिष्कार कर दिया, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया।
न्याय मंत्रालय में वरिष्ठ आव्रजन अधिकारी बे सांग-इओप ने सोमवार को संसदीय सुनवाई के दौरान सांसदों को बताया कि औपचारिक आवश्यकताओं की एक साधारण समीक्षा के बाद यात्रा प्रतिबंध लगभग हमेशा जारी किया जाता है।
सीआईओ प्रमुख ओह डोंग-वून ने सुनवाई के दौरान बताया कि उनका कार्यालय सैद्धांतिक रूप से “देशद्रोह से संबंधित नेता और प्रमुख आरोपियों” की गहन जांच करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सीआईओ ने प्रथम महिला किम कीन ही पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है, तो उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा की जाएगी।
–आईएएनएस
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