सोल, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। दक्षिण कोरियाई संवैधानिक न्यायालय ने कहा कि वह शुक्रवार (4 अप्रैल) सुबह 11 बजे राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अपना फैसला सुनाएगा। उम्मीद है कि इस फैसले से दिसंबर में मार्शल लॉ लागू होने के बाद से पैदा हुई राजनीतिक उथल-पुथल समाप्त होने की उम्मीद बढ़ गई है।
अदालत ने मंगलवार को प्रेस को जारी नोटिस में कहा कि फैसला अदालत से सुनाया जाएगा और इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा, साथ ही आम जनता की उपस्थिति की भी अनुमति होगी।
यून के खिलाफ नेशनल असेंबली की ओर से महाभियोग पारित करने के लगभग चार महीने बाद आएगा यह फैसला आ
यून पर मार्शल लॉ लागू करके संविधान का उल्लंघन करने के आरोप में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। अन्य आरोपों में नेशनल असेंबली में सेना भेजने और प्रमुख राजनेताओं की गिरफ्तारी का आदेश देना।
यून ने कोई भी गलत काम करने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश मुख्य विपक्षी दल को विधायी शक्ति के दुरुपयोग के लिए चेतावनी देने के लिए था।
संविधान के तहत, महाभियोग प्रस्ताव को बरकरार रखने के लिए कम से कम छह न्यायाधीशों की सहमति की आवश्यकता होती है। वर्तमान में बेंच पर आठ न्यायाधीश हैं।
योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक न्यायालय यदि महाभियोग प्रस्ताव को बरकरार रखता है, तो यून को पद से हटा दिया जाएगा। अगर इसे खारिज कर दिया जाता है, तो उन्हें मई 2027 तक अपने शेष कार्यकाल को पूरा करने के लिए बहाल कर दिया जाएगा।
यून की कानूनी टीम ने कहा कि फैसले के लिए अदालत में उनकी उपस्थिति अभी भी अनिश्चित है।
सत्तारूढ़ पीपुल पावर पार्टी और मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी दोनों ने अदालत की घोषणा का स्वागत किया।
बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा लेकिन इसने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।
नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के महाभियोग प्रस्ताव पारित किया। प्रधानमंत्री हान डक-सू ने उनकी जगह ली लेकिन नेशनल असेंबली ने उनके खिलाफ भी महाभियोग पारित कर दिया। इसके बाद उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभालने। हालांकि 24 मार्च को संवैधानिक न्यायालय ने प्रधानमंत्री हान डक-सू के महाभियोग को खारिज कर दिया और उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में बहाल कर दिया।
–आईएएनएस
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