सोल, 7 दिसंरब (आईएएनएस)। सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के तीन सांसदों को छोड़कर शेष सभी ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान का बहिष्कार किया। इससे यून के महाभियोग से बच निकलने की संभावनाओं को बल मिला है।
यून की पत्नी से जुड़े घोटालों की जांच के लिए लाए गए बिल के खिलाफ वोट देने के बाद, सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के 108 सांसदों में से तीन को छोड़कर अधिकांश ने संसदीय हॉल छोड़ दिया।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी का एक सांसद हॉल में ही रहा और दो जाने के बाद वापस आ गए।
नेशनल असेंबली के 300 सांसदों में से 198 ने प्रथम महिला की विशेष अभियोजक जांच के बिल के पक्ष में वोट दिया, जबकि 102 ने इसके खिलाफ वोट दिया। बिल को पारित करने के लिए कम से कम दो-तिहाई सांसदों का इसके समर्थन में वोट देना जरूरी है।
महाभियोग प्रस्ताव पारित करने के लिए 200 से अधिक सांसदों को इसका समर्थन करना होगा।
रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 00:48 बजे प्रस्ताव को रद्द कर दिया जाएगा क्योंकि नेशनल असेंबली में रिपोर्ट किए जाने के 24 घंटे से 72 घंटे के बीच इस पर मतदान कराना जरूरी है।
डेमोक्रेटिक पार्टी और पांच अन्य छोटी पार्टियों ने बुधवार को राष्ट्रपति की तरफ से की गई मार्शल लॉ की घोषणा पर महाभियोग प्रस्ताव पेश किया था।
यून ने मंगलवार रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा।
इससे पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने शनिवार को कहा कि वह अपने कार्यकाल के बारे में सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी को फैसला लेने देंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यून ने टेलीविजन पर दिए गए संबोधन में कहा कि वह राजनीतिक स्थिति को स्थिर करने के फैसले सत्तारूढ़ पार्टी को लेने देंगे, जिसमें उनका शेष राष्ट्रपति कार्यकाल भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पार्टी और सरकार मिलकर राज्य के मामलों की जिम्मेदारी लेंगे।
संकटग्रस्त राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बहुत खेद है और वे उन लोगों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं जो मार्शल लॉ की घोषणा से बहुत हैरान हुए। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए अपनी कानूनी और राजनीतिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।
यून ने कैमरों के सामने सिर झुकाते हुए इस बात पर जोर दिया कि कोई और मार्शल लॉ घोषित नहीं किया जाएगा।
–आईएएनएस
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