नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने देश में धर्म एवं राष्ट्रीयता की रक्षा करने में शिवाजी महाराज के महत्वपूर्ण योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि उस समय के धर्म विरोधी, राष्ट्र विरोधी विदेशी आक्रांता शिवाजी महाराज को कुचल नहीं सके, उनको हरा नहीं सके, लेकिन इतिहासकारों ने उनको कुचल दिया। हमारी संकुचित भावना ने उनको हरा दिया।
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बुधवार को दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हिंदवी स्वराज स्थापना दिवस महोत्सव को संबोधित करते हुए होसबाले ने कहा, “हमारे जो महापुरुष हैं, वो पूरे देश के लिए महापुरुष हैं – जैसे शिवाजी महाराज ने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना करके इस देश के धर्म एवं राष्ट्रीयता की रक्षा की, उसका पुनर्जागरण किया।”
उन्होंने शिवाजी महाराज और उन जैसे महापुरुषों की महत्वपूर्ण भूमिका को इतिहासकारों द्वारा कुचलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी प्रकार किसी भी क्षेत्र के, किसी भी भाषा के महापुरुष जिन्होंने राष्ट्र, धर्म, संस्कृति के लिए कार्य किया, अथवा धार्मिक क्षेत्र में, सांस्कृतिक क्षेत्र में, इसी प्रकार का कार्य किया उनको किसी न किसी रूप से प्रांत एवं भाषा के साथ जोड़कर उनकी महानता को संकुचित करने का एक बहुत ही दोषपूर्ण कार्य किया गया है। इस कारण से महापुरुषों को, विभूति पुरुषों को, राष्ट्र नायकों को हमने छोटे पहचान से इतिहास में रख दिया।
होसबाले ने आगे कहा कि शिवाजी महाराज भी इसी तरह की क्षेत्रीयता का थोड़ा सा शिकार बने है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज को उस समय के धर्म विरोधी, राष्ट्रीय विरोधी विदेशी आक्रांता कुचल नहीं सके, उनको हरा नहीं सके। लेकिन इतिहासकारों ने उनको कुचल दिया। हमारी संकुचित भावना ने उनको हरा दिया।
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज एक संगठन, एक नेतृत्व देने वाले राजर्षि थे।
कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और राज्याभिषेक पर एक लघु नाटक और लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर छत्रपति शिवाजी महाराज के गौरवपूर्ण शासन काल व दिल्ली में हिंदवी और मराठा साम्राज्य को दर्शाती प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसजीके
नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने देश में धर्म एवं राष्ट्रीयता की रक्षा करने में शिवाजी महाराज के महत्वपूर्ण योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि उस समय के धर्म विरोधी, राष्ट्र विरोधी विदेशी आक्रांता शिवाजी महाराज को कुचल नहीं सके, उनको हरा नहीं सके, लेकिन इतिहासकारों ने उनको कुचल दिया। हमारी संकुचित भावना ने उनको हरा दिया।
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बुधवार को दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हिंदवी स्वराज स्थापना दिवस महोत्सव को संबोधित करते हुए होसबाले ने कहा, “हमारे जो महापुरुष हैं, वो पूरे देश के लिए महापुरुष हैं – जैसे शिवाजी महाराज ने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना करके इस देश के धर्म एवं राष्ट्रीयता की रक्षा की, उसका पुनर्जागरण किया।”
उन्होंने शिवाजी महाराज और उन जैसे महापुरुषों की महत्वपूर्ण भूमिका को इतिहासकारों द्वारा कुचलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी प्रकार किसी भी क्षेत्र के, किसी भी भाषा के महापुरुष जिन्होंने राष्ट्र, धर्म, संस्कृति के लिए कार्य किया, अथवा धार्मिक क्षेत्र में, सांस्कृतिक क्षेत्र में, इसी प्रकार का कार्य किया उनको किसी न किसी रूप से प्रांत एवं भाषा के साथ जोड़कर उनकी महानता को संकुचित करने का एक बहुत ही दोषपूर्ण कार्य किया गया है। इस कारण से महापुरुषों को, विभूति पुरुषों को, राष्ट्र नायकों को हमने छोटे पहचान से इतिहास में रख दिया।
होसबाले ने आगे कहा कि शिवाजी महाराज भी इसी तरह की क्षेत्रीयता का थोड़ा सा शिकार बने है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज को उस समय के धर्म विरोधी, राष्ट्रीय विरोधी विदेशी आक्रांता कुचल नहीं सके, उनको हरा नहीं सके। लेकिन इतिहासकारों ने उनको कुचल दिया। हमारी संकुचित भावना ने उनको हरा दिया।
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज एक संगठन, एक नेतृत्व देने वाले राजर्षि थे।
कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और राज्याभिषेक पर एक लघु नाटक और लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर छत्रपति शिवाजी महाराज के गौरवपूर्ण शासन काल व दिल्ली में हिंदवी और मराठा साम्राज्य को दर्शाती प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
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