नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। देश के टॉप 20 संस्थानों के शिक्षकों को बीएचयू में एक वर्ष तक कार्य करने का अवसर मिलेगा। विश्वविद्यालय के मुताबिक वह नई साझेदारियों के माध्यम से प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ एजुकेशन और रिसर्च सहयोग को गति दे रहा है। इस क्रम में विश्वविद्यालय द्वारा ‘दरभंगा नरेश रामेश्वर सिंह विज़िटिंग फैकल्टी प्रोग्राम’ आरंभ किया गया है।
इस योजना का मकसद प्रमुख संस्थानों, विशेष रूप से एनआईआरएफ में शीर्ष 20 रैंकिंग वाले संस्थानों के साथ बीएचयू के शैक्षणिक व अनुसंधान संबंधों को और आगे ले जाना है। गौरतलब है कि बीएचयू को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस का दर्जा प्राप्त है। बीएचयू के मुताबिक ‘दरभंगा नरेश रामेश्वर सिंह विज़िटिंग फैकल्टी प्रोग्राम’ से शीर्ष रैंकिंग वाले संस्थानों के शिक्षकों को एक शैक्षणिक वर्ष के लिए विज़िटिंग फैकल्टी के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा।
चयनित शिक्षक प्रत्येक सेमेस्टर में एक कोर्स का शिक्षण करेंगे, एवं विद्यार्थियों व संकाय सदस्यों के साथ सहयोगात्मक योगदान से विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को समृद्ध करेंगे। सभी विज़िटिंग फैकल्टी को बीएचयू के संबंधित विभाग में एक शिक्षक के साथ जोड़ा जाएगा, जो उन्हें विश्वविद्यालय के शैक्षणिक व शोध वातावरण के साथ जुड़ने में तथा स्थानीय सहयोग मुहैया कराएंगे। उन्हें बीएचयू में ‘प्रतिनियुक्ति’ पर माना जाएगा तथा रामेश्वर सिंह विज़िटिंग प्रोफेसर, रामेश्वर सिंह विज़िटिंग एसोसिएट प्रोफेसर एवं रामेश्वर सिंह विज़िटिंग असिस्टेंट प्रोफेसर कहा जाएगा।
बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने बताया कि यह योजना अन्य प्रमुख संस्थानों के प्रतिभावान शिक्षकों को बीएचयू के शिक्षकों को साथ मिलकर नए ज्ञान के सृजन का माध्यम उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा, “इस योजना से न सिर्फ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का विविधतापूर्ण शैक्षणिक एवं अनुसंधान वातावरण और समृद्ध होगा, बल्कि पारस्परिक उन्नति एवं उत्कृष्टता के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।”
इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस-बीएचयू के समन्वयक प्रो. संजय कुमार के मुताबिक यह योजना दरभंगा के पूर्व नरेश ‘रामेश्वर सिंह’ की स्मृति में स्थापित की गई है। उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना में अतुलनीय योगदान दिया। वे उन आरंभिक दानकर्ताओं में से थे, जिन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक बड़ी राशि दान स्वरूप दी थी, अन्य रियासतों से योगदान प्राप्त करने के अभियान की अगुवाई की, तथा विश्वविद्यालय के प्रथम चांसलर भी रहे।
यह योजना काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को आकार देने तथा स्थापना की ज़िम्मेदारी निभाने वाली हिन्दू सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में दरभंगा नरेश के महान योगदान को समर्पित है।
–आईएएनएस
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