पटना, 26 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बीच जाति को लेकर हुए विवाद पर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आईएएनएस से कहा, राष्ट्र की राजनीति में लालू प्रसाद यादव और जीतन राम मांझी का नाम है।
जीतन राम मांझी इस समय केंद्रीय मंत्री भी हैं। मौजूदा समय राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर है। लेकिन, इस देश में अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 प्रभावी है। किसी भी दलित समुदाय के व्यक्ति को जातिसूचक शब्द कहना कानून के नजर में अपराध है। जीतन राम मांझी का यह विवेक है कि वह इस कानून का किस तरह से इस्तेमाल करते हैं।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को लेकर कहा था कि वह मुसहर है।
इस पर जीतन राम मांझी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “लालू जी। हम मुसहर-भुईयां हैं, हमारे पिता मुसहर-भुईयां थें, हमारे दादा मुसहर-भुईयां थें, हमारे परदादा मुसहर-भुईयां थें, हमारा तो पुरा खानदान ही मुसहर-भुईयां है, और हम तो गर्व से कहतें हैं कि “हम मुसहर-भुईयां हैं।”
जीतन राम मांझी ने कहा, वो शिक्षित नहीं हैं, हम शिक्षित हैं। हमने बीए ऑनर्स किया है। वह बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। वह भी बताएं कि उनकी डिग्री क्या है, और हम भी बताते हैं कि हमारी डिग्री क्या है। मांझी ने कहा कि वह हमें शर्मा कहते हैं, अपने पिता के बारे में भी बताएं।
जीतन राम मांझी ने 19 सितंबर को एक पोस्ट में कहा था, “विपक्षी दलों के गुंडे हमारे घर, दरवाजों को तोड़ सकतें हैं, पर हमारे लोगों का हौसला नहीं तोड़ सकते। घर जलाने वाले लोगों के संरक्षक लालू पाल (गरेड़ी) आप राजनीति के लिए अपनी जाति छुपा सकतें हैं, पर हम नहीं। हम गर्व से कहतें हैं “हम मुसहर हैं” लालू जी में हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं। पूरे बिहार में दलितों के जमीन पर और मुसलमानों के क़ब्रिस्तानों पर किस पार्टी के समर्थकों का क़ब्जा रहा है, यह सबको पता है। आपने और आपके लोगों ने बहुत दबा लिया हमलोगों को, अब करारा जवाब मिलेगा।“
–आईएएनएस
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