मुंबई, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। ‘कागज 2’ में नजर आने वाले दिग्गज एक्टर अनुपम खेेर ने उत्तराखंड के लैंसडाउन शहर में कुछ स्कूली बच्चों के साथ समय बिताया।
एक्टर ने सोशल मीडिया पर लैंसडाउन में बच्चों के साथ बिताए पलों को शेयर किया। शनिवार को एक्टर ने एक्स पर नोट लिखते हुए दो वीडियो शेयर किए।
पहले वीडियो में उन्हें लैंसडाउन के बच्चों को अपनी कार में उनके स्कूल ले जाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो में वह बच्चों से बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
दूसरे वीडियो में अनुपम खेेर को एक अलग बच्चों के समूह के साथ देखा जा सकता है। जहां वह बच्चों से पूछते हैं कि क्या वह उन्हें पहचानते हैं। जिस पर एक बच्चा जवाब देता है कि अनुपम एक अच्छे आदमी हैं, जो बच्चों को खाना खिलाते हैं।
एक्टर ने पोस्ट में लिखा, “जीवन का पाठ, सबसे अच्छा इनाम जो मुझे अब तक मिल सकता था, वह अंत में दूसरे वीडियो में पांच वर्षीय अभिषेक से था। इन दोनों वीडियो में मुझे शिमला में बिताए अपने बचपन की झलकियां देखने को मिली। मैं इन बच्चों से लैंसडाउन में मिलता था। मैं उन्हें स्कूल जाते देखता था।”
अनुपम खेर ने कहा कि बच्चों के साथ बातचीत करने से उन्हें आराम महसूस हुआ। ऐसी मासूमियत बड़े शहरों के बच्चों में कम देखने को मिलती है।
उन्होंने आगे कहा, “कभी-कभी मैं उन्हें अपनी कार में स्कूल भी छोड़ देता था। कभी-कभी मैं उनके साथ बैठकर चाय और नाश्ता भी करता था। उनसे बात करने के बाद मुझे अच्छा और आराम महसूस होता था। भगवान इन बच्चों को हमेशा खुश रखें।”
–आईएएनएस
एमकेएस/एबीएम
मुंबई, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। ‘कागज 2’ में नजर आने वाले दिग्गज एक्टर अनुपम खेेर ने उत्तराखंड के लैंसडाउन शहर में कुछ स्कूली बच्चों के साथ समय बिताया।
एक्टर ने सोशल मीडिया पर लैंसडाउन में बच्चों के साथ बिताए पलों को शेयर किया। शनिवार को एक्टर ने एक्स पर नोट लिखते हुए दो वीडियो शेयर किए।
पहले वीडियो में उन्हें लैंसडाउन के बच्चों को अपनी कार में उनके स्कूल ले जाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो में वह बच्चों से बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
दूसरे वीडियो में अनुपम खेेर को एक अलग बच्चों के समूह के साथ देखा जा सकता है। जहां वह बच्चों से पूछते हैं कि क्या वह उन्हें पहचानते हैं। जिस पर एक बच्चा जवाब देता है कि अनुपम एक अच्छे आदमी हैं, जो बच्चों को खाना खिलाते हैं।
एक्टर ने पोस्ट में लिखा, “जीवन का पाठ, सबसे अच्छा इनाम जो मुझे अब तक मिल सकता था, वह अंत में दूसरे वीडियो में पांच वर्षीय अभिषेक से था। इन दोनों वीडियो में मुझे शिमला में बिताए अपने बचपन की झलकियां देखने को मिली। मैं इन बच्चों से लैंसडाउन में मिलता था। मैं उन्हें स्कूल जाते देखता था।”
अनुपम खेर ने कहा कि बच्चों के साथ बातचीत करने से उन्हें आराम महसूस हुआ। ऐसी मासूमियत बड़े शहरों के बच्चों में कम देखने को मिलती है।
उन्होंने आगे कहा, “कभी-कभी मैं उन्हें अपनी कार में स्कूल भी छोड़ देता था। कभी-कभी मैं उनके साथ बैठकर चाय और नाश्ता भी करता था। उनसे बात करने के बाद मुझे अच्छा और आराम महसूस होता था। भगवान इन बच्चों को हमेशा खुश रखें।”
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