नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के शहीद भगत सिंह आर्म्ड फ़ोर्सेज़ प्रिपरेटरी स्कूल (एएफपीएस) ने पहले ही साल में एनडीए की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है। एएफपीएस के पहले बैच के 32 छात्रों ने एनडीए की परीक्षा में बाज़ी मारी है, इनमें 9 लड़कियां भी शामिल हैं। दिल्ली सरकार का यह स्कूल 14 एकड़ में फैला है।
इसे सभी सुविधाओं से लैस मॉडर्न स्कूल बनाया गया है। यह स्कूल दिल्ली सरकार के स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का हिस्सा और दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से मान्यता प्राप्त है। यह स्कूल पूरी तरह से निशुल्क है और आवासीय है। यहां लड़कों और लड़कियों का अलग-अलग हॉस्टल है। स्कूल में बच्चों अंदर फौज में ऑफिसर की जो क्वालिटी होती है, उस स्तर की क्वालिटी विकसित की जाती है।
स्कूल में एनडीए समेत दूसरी आर्म्ड सर्विसेस के लिए बच्चों को तैयार किया जाता है। ट्रेनिंग देने के लिए विशेषज्ञ फैकल्टी खासकर सेवानिवृत्त आर्मी या एयरफोर्स ऑफिसर को रखा जाता है। दिल्ली में रहने वाला कोई भी बच्चा 9वीं और 11वीं कक्षा में दाखिला ले सकता है। वर्तमान में इस स्कूल में कक्षा 9वीं, 10वीं व 12वीं में कुल 237 छात्र एनरॉल्ड हैं। कक्षा 12वीं में कुल 76 बच्चे एनरॉल्ड हैं जिनमें से सभी ने एनडीए की परीक्षा दी और इनमें से 32 बच्चों ने लिखित परीक्षा पास की है।
इस शानदार उपलब्धि पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार को झड़ौदा कलां स्थित स्कूल में जाकर छात्रों से मुलाक़ात की। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली के शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज़ प्रिपरेटरी स्कूल के 32 छात्रों ने एनडीए परीक्षा उत्तीर्ण की है। सिर्फ एक साल में दिल्ली के आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल ने बेहतरीन नतीजे दिखाए हैं।”
शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एक साल पहले जब इस स्कूल का उद्घाटन किया था तो कहा था कि ये स्कूल गरीब परिवारों के बच्चों के सैन्य अफ़सर बनने का सपना पूरा करेगा। दिल्ली के शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस स्कूल के कुल 76 छात्रों ने परीक्षा दी थी और उनमें से 32 छात्रों ने ये परीक्षा उत्तीर्ण की है।
उन्होंने कहा कि, हम लोगों ने साल-दो साल पहले सोचा था कि दिल्ली के अंदर कोई सैनिक स्कूल नहीं है, दिल्ली के जो हमारे बच्चे फौज में जाना चाहते हैं और देश की सेवा करना चाहते हैं, उनके लिए कोई औपचारिक सिस्टम नहीं है, जो उनको फौज में भर्ती के लिए तैयार कर सके। इसके लिए हमने एक साल पहले इस स्कूल की शुरुआत की।
केजरीवाल सरकार का स्कूल उत्तराखंड स्थित सैनिक स्कूल, घोड़ाखाल (स्थापना 1966) के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां इतनी बड़ी संख्या में बच्चों ने एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
20 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में संपन्न दिल्ली कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली में एक ऐसा विशेष स्कूल बनाया जाए, जहां पर बच्चों को फौज में भर्ती होने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो एनडीए, नेवी, एयरफोर्स जैसी सेना की सेवाओं में भर्ती हो सकें।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक एक साल से भी कम समय में दिल्ली सरकार द्वारा इस स्कूल को तैयार कर लिया गया और 27 अगस्त 2022 की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका उद्घाटन किया।
–आईएएनएस
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