नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ‘पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान’ के तहत बस और रेल स्टेशनों के साथ मल्टी-मॉडल एकीकरण में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय योजना बोर्ड की बैठक में दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में दो शहरी पारगमन मेट्रो कॉरिडोर परियोजनाओं पर निर्णय लिया गया।
परियोजनाओं में एनसीआर क्षेत्र में डीएमआरसी का रिठाला-बवाना-नरेला-कुंडली (हरियाणा) मेट्रो कॉरिडोर और 44.65 किलोमीटर की बेंगलुरु मेट्रो रेल परियोजना का चरण-3 शामिल है, जिसमें ओआरआर के साथ जेपी नगर से केम्पापुरा तक और मगदी रोड के साथ होसाहल्ली से कदाबगेरे तक 2 कॉरिडोर शामिल हैं।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की जा रही परियोजनाओं के कार्यान्वयन से सड़कों पर भीड़ कम होगी, यात्रा में लगने वाले समय की बचत होगी, ईंधन लागत में बचत होगी और वाहनों के उत्सर्जन और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
एनपीजी ने सिफारिश की है कि परियोजना के प्रस्तावक पर्याप्त संक्रमण बुनियादी ढांचे की योजना बनाएं, जहां इंटर-मोडल इंटरफ़ेस शामिल हो। बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि ये परियोजनाएं परिवहन के विभिन्न तरीकों को एकीकृत कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करेंगी और क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देंगी।
बैठक में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से गोवा राज्य में एनएच-66 के 45 किलोमीटर लंबे हिस्से को चार लेन करने और राज्य में मावलिंगखुंग-पंचग्राम सड़क को 2-लेन से 4-लेन में विकसित करने और उन्नयन करने से संबंधित परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई। मेघालय और असम में 118 किलोमीटर का ग्रीनफील्ड स्ट्रेच और 43 किलोमीटर का ब्राउनफील्ड स्ट्रेच शामिल है।
दोनों परियोजनाओं के व्यापक आर्थिक प्रभाव होंगे, जिनमें लॉजिस्टिक्स लागत में कमी, यातायात भीड़ में कमी और यातायात की औसत गति में वृद्धि शामिल है।
–आईएएनएस
एसएचके/एसकेपी