deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

दिल्ली : कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर ने दी शारदीय नवरात्रि के बारे में जानकारी

by
September 30, 2024
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

READ ALSO

सबका लक्ष्य ‘नेशन फर्स्ट’ होना चाहिए, ये काम सिर्फ सेना के जवानों का नहीं है : सीएम योगी

योग और प्राणायाम में होता है अंतर, एक का संबंध शारीरिक व्यायाम से तो दूसरे का मन से

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके लिए दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्रि में माता भगवती की पूजा कैसे करेंगे, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? इस संबंध में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने सोमवार को जानकारी दी।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन अवसर शक्ति की उपासना का केंद्र है। इस दौरान ब्रह्मांड में बनने वाले विशेष योगों के कारण इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी होती है और आयुर्वेद के अनुसार भी ऋषियों ने इस काल को बहुत महत्वपूर्ण माना है। इस काल को यमदष्टा काल भी माना जाता है। इस दौरान पूजा-अर्चना के दौरान नियंत्रित आहार का सेवन करने से भक्त शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं। इसलिए इसे शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है।

इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक चलेगी। दिल्ली के कालका पीठ के बारे में उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्र के कल्याण की कामना करते हुए श्री शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया है। इसमें राष्ट्र के कल्याण के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाएगी। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक विद्वानों द्वारा कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जा रही है और घट स्थापना हमेशा स्थिर लग्न में की जाती है। इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:00 बजे से शुरू हो रहा है, क्योंकि इस दौरान स्थिर लग्न होता है। इस बार मां भगवती पालकी की सवारी में आ रही हैं, जो बहुत ही शुभ है और भक्तों का कल्याण होगा।

–आईएएनएस

आरके/सीबीटी

Related Posts

ताज़ा समाचार

सबका लक्ष्य ‘नेशन फर्स्ट’ होना चाहिए, ये काम सिर्फ सेना के जवानों का नहीं है : सीएम योगी

May 10, 2025
योग और प्राणायाम में होता है अंतर, एक का संबंध शारीरिक व्यायाम से तो दूसरे का मन से
ताज़ा समाचार

योग और प्राणायाम में होता है अंतर, एक का संबंध शारीरिक व्यायाम से तो दूसरे का मन से

May 10, 2025
ताज़ा समाचार

पाकिस्तान अपनी बर्बादी की पटकथा खुद लिख रहा है : मृत्युंजय तिवारी

May 10, 2025
ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को कर्ज देकर आईएमएफ ने गलत किया, ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : मनीष तिवारी

May 10, 2025
ताज़ा समाचार

ऑपरेशन सिंदूर : पाकिस्तान के टॉप-5 आतंकी ढेर, मोस्ट वांटेड मसूद अजहर पर भी करारी चोट- सूत्र

May 10, 2025
ताज़ा समाचार

उधमपुर एयर बेस को तबाह करने का पाकिस्तानी दावा निकला ‘फेक’

May 10, 2025
Next Post

जेडीएस ने लोकायुक्त एसआईटी प्रमुख के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, निलंबन की मांग

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

गले मिले पुराने दोस्त, मुलाकात के दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा, ‘हमने आपको बहुत मिस किया’

February 14, 2025

तिब्बत में उच्च-स्तरीय राजमार्गों का कुल माइलेज 1,196 किलोमीटर तक पहुंचा

July 1, 2024
केंद्र सरकार पर विपक्ष के रिपोर्ट कार्ड में सिर्फ लाल निशान

केंद्र सरकार पर विपक्ष के रिपोर्ट कार्ड में सिर्फ लाल निशान

May 28, 2023

उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों में भूकंप के मध्यम झटके आए, कोई नुकसान नहीं 

October 2, 2023
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

080842
Total views : 5869458
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In