deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

दिल्ली की अदालत ने लावा इंटरनेशनल के एमडी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

by
January 8, 2024
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

READ ALSO

राजस्थान के सीएम ने की हाई लेवल मीटिंग, ‘सभी राजकीय कर्मियों की छुट्टियां रद्द’ करने का निर्देश

भारत ने दिया पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों का मुंहतोड़ जवाब, एफ-16 और दो जेएफ-17 विमान भी मार गिराए

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला 12 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राय को चार अन्य लोगों – चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक – के साथ 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 20 दिसंबर 2023 को जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 19 फरवरी को न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों को तलब किया।

गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को ईडी ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था, जो वीवो इंडिया के शीर्ष अधिकारी हैं।

तीन आरोपियों – वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को भी हाल ही में अदालत ने रिहा किया था। जांच एजेंसी ने अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

राय की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि जेल में उनके मुवक्किल की तीन बीमारियाँ और गंभीर हो सकती हैं।

हालांकि, ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की योग्यता और राय की चिकित्सा स्थिति पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।

राय की जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनका वीवो के कारोबार पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं था और उन्होंने कंपनी से कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं किया।

राय का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नितेश राणा ने भी कहा कि लावा और वीवो के बीच प्रस्तावित संयुक्त उद्यम सफल नहीं हुआ और 2014 में वार्ता बंद हो गई।

याचिका में कहा गया है कि राय का 2014 के बाद वीवो या उसके प्रतिनिधियों के साथ कोई संबंध नहीं था, और हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यावसायिक चर्चाओं के दौरान राय की ओर से कोई गलत काम किया गया।

अदालत ने पहले संबंधित जेल प्राधिकारी को राय की चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा चार आरोपियों के परिसरों की तलाशी लेने और 10 लाख रुपये की नकदी बरामद करने के बाद गिरफ्तारियां की गईं। ईडी की कार्रवाई एक साल से अधिक समय बाद हुई जब उसने देश भर में वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सहयोगी कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित 48 स्थानों पर तलाशी ली और दावा किया कि उसने एक प्रमुख धन शोधन रैकेट, जिसमें चीनी नागरिक और कई भारतीय कंपनियां शामिल हैं, का भंडाफोड़ किया है।

–आईएएनएस

एकेेजे

Related Posts

ताज़ा समाचार

राजस्थान के सीएम ने की हाई लेवल मीटिंग, ‘सभी राजकीय कर्मियों की छुट्टियां रद्द’ करने का निर्देश

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

भारत ने दिया पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों का मुंहतोड़ जवाब, एफ-16 और दो जेएफ-17 विमान भी मार गिराए

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

भारत पाकिस्तान को दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज की समीक्षा के लिए आईएमएफ के समक्ष रखेगा अपना पक्ष

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच 24 हवाई अड्डे बंद, एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

‘पाकिस्तानी ड्रोन के असफल हमले के बाद स्थिति का जायजा लेने’ जम्मू निकले उमर अब्दुल्ला

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

सीमा पर तनाव के बीच उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट, वाराणसी में प्रमुख स्थलों पर बढ़ाई गई सुरक्षा

May 9, 2025
Next Post

बेवफाई से आहत युवती प्रेमी के घर के आगे 48 घंटे से धरने पर बैठी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

भाजपा के राम प्रसाद पॉल त्रिपुरा विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए

भाजपा के राम प्रसाद पॉल त्रिपुरा विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए

March 28, 2023

आशुतोष संग अजंता एलोरा की सैर करती नजर आईं फराह, बताया क्या है 20 रुपये के नोट से कनेक्शन

January 19, 2025
गुरुग्राम में शराब के ठेके पर फायरिंग : पुलिस ने हमलावरों पर रखा 50 हजार रुपये का इनाम

गुरुग्राम में शराब के ठेके पर फायरिंग : पुलिस ने हमलावरों पर रखा 50 हजार रुपये का इनाम

June 18, 2023

उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 1.56 लाख पुलिस कर्मियों की हो चुकी भर्ती : सीएम योगी

December 17, 2024
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

080584
Total views : 5867923
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In