नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मंगलवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण की बैठक में शहर के लिए मास्टर प्लान 2041 के मसौदे को मंजूरी दी।
सक्सेना डीडीए के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने जहां झुग्गी वहां माकन कार्यक्रम के तहत महिला लाभार्थियों से संबंधित दिशा-निर्देशों में छूट सहित कुछ अन्य बड़े फैसले लिए।
एलजी ने कहा कि एमपीडी-2041 का जोर समावेशी विकास, पर्यावरणीय स्थिरता, हरित अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा विकास है, जिसमें समाज के सभी वर्गो के लिए पर्याप्त आवास, टीओडी हब, लैंड पूलिंग, हरित क्षेत्र का विकास और कायाकल्प और पुनर्जनन जैसे अभिनव हस्तक्षेप शामिल हैं।
डीडीए द्वारा तैयार मसौदा मास्टर प्लान और एक वैधानिक दस्तावेज जो वर्तमान स्थिति का आकलन करके और वांछित विकास की उपलब्धि का मार्गदर्शन करके दिल्ली के विकास की सुविधा प्रदान करता है, अंतिम अनुमोदन और अधिसूचना के लिए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजा जाएगा।
सतत रहने योग्य और जीवंत दिल्ली को बढ़ावा की दृष्टि से दो खंडों और 10 अध्यायों में विभाजित मसौदा मास्टर प्लान व्यापक नागरिक और हितधारक जुड़ाव पर आधारित है, जिसमें सरकारी विभाग, स्थानीय निकाय, आरडब्ल्यूए, व्यापारी और बाजार संघ, एनजीओ, पेशेवर, विशेषज्ञ और आम नागरिक शामिल हैं।
इस योजना अवधि के दौरान जिन तीन लक्ष्यों का पालन किया जाएगा, उनमें दिल्ली को एक पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ शहर बनाना शामिल है जो अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करता है और जलवायु परिवर्तन और आपदाओं के प्रभावों के प्रति लचीला है, एक भविष्य के लिए तैयार शहर विकसित करना है जो अच्छी गुणवत्ता प्रदान करता है। कुशल सेवाओं और हरित गतिशीलता प्रणालियों के साथ किफायती और सुरक्षित रहने का वातावरण, और आर्थिक, रचनात्मक और सांस्कृतिक विकास के लिए एक गतिशील स्थान के रूप में उभरता है।
मास्टर प्लान पेशेवरों के अलावा आम जनता द्वारा पढ़ने और समझने में आसान लोगों के अनुकूल दस्तावेज होगा। जीआईएस-आधारित भूमि उपयोग योजना विकसित की गई है जो हितधारकों को जमीनी स्तर पर मास्टर प्लान के मसौदे की नीतियों की प्रयोज्यता को समझने में आसानी से सक्षम बनाएगी।
उपयोग परिसर और गतिविधियों से संबंधित विकास नियंत्रण मानदंडों को सरल बनाया गया है और भविष्य के विकास और लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लचीलेपन को सक्षम बनाया गया है।
यह सक्रिय/निष्क्रिय मनोरंजन और अवकाश के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली हरी-नीली संपत्तियों के संरक्षण और सुधार को प्राथमिकता देता है। इसमें जैव विविधता पार्क, एकीकृत बाढ़ के मैदानों की योजना, बावड़ियों/जल निकायों का पुनरुद्धार, चलने और साइकिल चालन के विकास के साथ-साथ नाली बफर के कायाकल्प शामिल हैं। टिकाऊ विकास प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए इमारतों को ग्रीन-ब्लू फैक्टर (जीबीएफ) शर्तो को पूरा करने की भी जरूरत होगी।
इसके अलावा, योजना में नदी के लिए व्यापक नदी विकास योजना तैयार करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली की तैयारियों को बढ़ाने के माध्यम से यमुना और उसके बाढ़ के मैदानों के कायाकल्प का भी प्रस्ताव है।
दिल्ली के लिए पहला मास्टर प्लान 1962 में दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 के तहत प्रख्यापित किया गया था। इन योजनाओं को 20 साल की परिप्रेक्ष्य अवधि के लिए तैयार किया गया है और दिल्ली के नियोजित विकास के लिए एक समग्र ढांचा प्रदान किया गया है।
–आईएएनएस
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