नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के 11 जिलों के लिए सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के तहत जिला मेडिकल बोर्ड (डीएमबी) के गठन को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचित सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021, इसकी धारा 4 (3) (ए) (1) के तहत प्रावधान है कि चिकित्सा प्रमाणपत्र जारी करने के उद्देश्य से एक जिला मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाना है, ताकि गर्भकालीन सरोगेसी की जरूरत का संकेत मिलने पर इच्छुक युगल या इच्छुक महिला के एक या दोनों सदस्यों के पक्ष में प्रमाणपत्र जारी किया जा सके।
सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 की धारा 4 (3) कहती है कि कोई भी सरोगेसी या सरोगेसी प्रक्रिया उपयुक्त प्राधिकरण (इस मामले में जिला चिकित्सा बोर्ड) द्वारा जारी प्रमाणपत्र दिखाए बिना शुरू नहीं की जाएगी।
सभी 11 जिलों के जिला चिकित्सा बोर्डो में मुख्य चिकित्सा अधिकारी/जिले के संयुक्त स्वास्थ्य सेवा निदेशक अध्यक्ष के रूप में और जिले की मुख्य स्त्री रोग विशेषज्ञ/मुख्य प्रसूति रोग विशेषज्ञ सदस्य के रूप में एवं जिले की मुख्य बाल रोग विशेषज्ञ सदस्य होंगी।
दिसंबर 2021 से लंबित, केंद्रीय कानून के लागू होने और अधिसूचित होने के बाद इसने 25 जून, 2022 को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत और 11 जुलाई, 2022 को उच्च न्यायालय को आप सरकार को बोर्ड बनाने के लिए प्रेरित किया।
एलजी कार्यालय ने एक बयान में कहा, इस आशय का एक प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उपमुख्यमंत्री और उपराज्यपाल द्वारा अनुमोदित किया गया है, जिसका मुख्यमंत्री ने समर्थन किया है।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के 11 जिलों के लिए सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के तहत जिला मेडिकल बोर्ड (डीएमबी) के गठन को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचित सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021, इसकी धारा 4 (3) (ए) (1) के तहत प्रावधान है कि चिकित्सा प्रमाणपत्र जारी करने के उद्देश्य से एक जिला मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाना है, ताकि गर्भकालीन सरोगेसी की जरूरत का संकेत मिलने पर इच्छुक युगल या इच्छुक महिला के एक या दोनों सदस्यों के पक्ष में प्रमाणपत्र जारी किया जा सके।
सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 की धारा 4 (3) कहती है कि कोई भी सरोगेसी या सरोगेसी प्रक्रिया उपयुक्त प्राधिकरण (इस मामले में जिला चिकित्सा बोर्ड) द्वारा जारी प्रमाणपत्र दिखाए बिना शुरू नहीं की जाएगी।
सभी 11 जिलों के जिला चिकित्सा बोर्डो में मुख्य चिकित्सा अधिकारी/जिले के संयुक्त स्वास्थ्य सेवा निदेशक अध्यक्ष के रूप में और जिले की मुख्य स्त्री रोग विशेषज्ञ/मुख्य प्रसूति रोग विशेषज्ञ सदस्य के रूप में एवं जिले की मुख्य बाल रोग विशेषज्ञ सदस्य होंगी।
दिसंबर 2021 से लंबित, केंद्रीय कानून के लागू होने और अधिसूचित होने के बाद इसने 25 जून, 2022 को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत और 11 जुलाई, 2022 को उच्च न्यायालय को आप सरकार को बोर्ड बनाने के लिए प्रेरित किया।
एलजी कार्यालय ने एक बयान में कहा, इस आशय का एक प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उपमुख्यमंत्री और उपराज्यपाल द्वारा अनुमोदित किया गया है, जिसका मुख्यमंत्री ने समर्थन किया है।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम