नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच एक और विवाद सामने आया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के कैबिनेट के मंत्रियों को न्योता नहीं मिला। आम आदमी पार्टी के मुताबिक इससे पहले अभी तक ऐसे कार्यक्रमों में हर बार दिल्ली के सभी कैबिनेट मंत्रियों को बुलाया जाता था। लेकिन, इस बार राजभवन से इस बार सिर्फ मुख्यमंत्री को शपथ में आने का न्योता मिला था।
इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल बड़े आदमी हैं, वे उन्हें (दिल्ली सरकार के मंत्रियों को) बुलाएं या ना बुलाएं, यह उन पर है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली के चुने हुए लोगों को तो बहुत छोटा मानते हैं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश को शुभकामनाएं दी।
दिल्ली की कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट स्थित है, प्रधानमंत्री निवास दिल्ली में है, राष्ट्रपति निवास दिल्ली में है, केंद्र के सारे मंत्री दिल्ली में रहते हैं, पूरी केंद्र सरकार दिल्ली से चलती है। केंद्र सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस के पास दिल्ली की कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज से पहले इस तरह का माहौल केवल फिल्मों में देखा जाता था, जब गैंगस्टर उद्योगपतियों को रंगदारी देने के लिए धमकाते थे और उनके घरों पर गोलियां चलाते थे, परंतु अब यह सब कुछ दिल्ली में खुले तौर पर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में दिल्ली में दहशत और गुंडागर्दी का ऐसा माहौल कभी नहीं देखा गया। दिल्ली देश की राजधानी है और पूर्व में सबसे सुरक्षित शहरों में दिल्ली की गणना होती रही है। आज दिल्ली बड़े-बड़े गैंगस्टर और गैंगवार के शहर के नाम से पहचानी जा रही है। दिल्ली की कानून व्यवस्था के लिए केंद्रीय गृह मंत्री और उपराज्यपाल जिम्मेदार हैं।
–आईएएनएस
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