नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव अश्विनी कुमार ने सोमवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को “झूठा” और “निराधार” बताया।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित भूमि के एक टुकड़े के मालिकों और नरेश कुमार के बीच संबंधों के आरोप झूठे और निराधार हैं।
अश्विनी कुमार ने कहा, “यह जरूरी है कि जो तथ्य रिकॉर्ड में हैं, उन्हें आपके सामने पेश किया जाए और सच्चाई लोगों तक पहुंचे। झूठ यह है कि मुख्य सचिव का चरित्र हनन किया जा रहा है, उनके खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि ठेका देने या मध्यस्थता में नरेश कुमार की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने कहा, “ठेका देने में, मध्यस्थता में मुख्य सचिव की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने कार्रवाई के लिए सक्रिय प्रयास किए। अंततः कार्रवाई हुई…।”
यह घटनाक्रम केजरीवाल द्वारा द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण में दिल्ली के मुख्य सचिव के बेटे को 315 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाने का आरोप लगाने वाली शिकायत भेजेे जाने के कुछ दिनों बाद आया है।
अधिकारियों के मुताबिक, कुमार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी।
एक सूत्र ने कहा था, ”मुख्य सचिव पर अपने बेटे की कंपनी को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने का आरोप है।”
“द्वारका एक्सप्रेसवे पर भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं के आरोप हैं। एक अधिकारी ने कहा, मुख्यमंत्री ने मामले की विस्तृत जांच के लिए शिकायत सतर्कता मंत्री को भेज दी है।“
सूत्रों ने शनिवार को बताया कि 11 नवंबर को आतिशी ने कथित भ्रष्टाचार के संबंध में जांच शुरू की।
दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक, आतिशी ने कुमार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के संबंध में निदेशक सतर्कता और मंडलायुक्त को पत्र लिखा।
सूत्र ने कहा कि सतर्कता मंत्री ने अपने बेटे की कंपनी को 315 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाकर मुख्य सचिव द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार से संबंधित सभी फाइलें भी मांगीं।
सूत्र ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए बामनोली गांव में भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी फाइलें शनिवार शाम 7 बजे तक सतर्कता मंत्री को सौंपी जानी हैं। उन्होंने दोनों विभागों को यह भी निर्देश दिया है कि कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे से संबंधित कोई भी फाइल “पारित” न की जाए।
–आईएएनएस
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