नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली घोषणापत्र पर – विशेष रूप से रूस और चीन के दबाव के बीच यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में – जी20 देशों के आम सहमति पर पहुंचने से उत्साहित भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने शनिवार को कहा कि संयुक्त बयान सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के प्रभाव की आवश्यकता थी।
एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कांत ने कहा कि अंततः मोदी के नाम के महत्व ने अंतिम घोषणा की भाषा पर आम सहमति बना ली।
दिल्ली घोषणा में सभी देशों से “क्षेत्रीय अधिग्रहण के लिए बल प्रयोग से बचने” का आग्रह किया गया है। हालाँकि, पूरे दस्तावेज़ में रूस का कोई संदर्भ नहीं है।
कांत ने समाचार चैनल को बताया, यह लगभग 200 घंटे की लगातार बातचीत का नतीजा था और शुक्रवार रात को ही इस पर सहमति बन गई थी।
उन्होंने कहा, यह भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया और बाद में मैक्सिको, तुर्की और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले शेरपाओं और उभरते बाजारों का संयुक्त प्रयास था जिसने जी7 देशों पर दबाव डाला और उन्हें मेज पर लाया।
शेरपा ने बताया कि पहले मसौदे से बातचीत दूसरे और फिर तीसरे तक चली गई, जबकि सभी देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकों से भी मदद मिली।
कांत ने समाचार चैनल को बताया, इसके बाद भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया के साथ-साथ मैक्सिको, तुर्की और सऊदी अरब ने दबाव बनाने के लिए मिलकर काम किया।
–आईएएनएस
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