नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। भाजपा 27 साल बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। भाजपा 48 सीटों के साथ दिल्ली में सबसे बड़ी पार्टी बनी है। भाजपा की जीत में सबसे अहम भूमिका हरियाणा और उत्तर प्रदेश सीमा से सटे विधानसभा सीटों ने निभाई है। यहां की अधिकतर सीटों पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया है।
दरअसल, दिल्ली में 20 से अधिक सीमावर्ती सीटें हैं। इनमें से करीब 14 सीटों पर भाजपा ने बाजी मारी है। इसके अलावा आठ से अधिक सीटों पर ‘आप’ ने जीत हासिल की है। शनिवार सुबह 8 बजे से ही भाजपा ने सीमावर्ती सीटों पर अपना दबदबा बनाया हुआ था। हालांकि, उसे ‘आप’ के प्रत्याशियों से टक्कर भी मिल रही थी।
भाजपा ने हरियाणा से सटी जिन सीटों पर परचम लहराया है, उनमें नरेला, बवाना, मुंडका, नजफगढ़, मटियाला, बिजवासन, छतरपुर, महरौली, संगम विहार शामिल है। इसके अलावा यूपी से सटे करावल नगर, मुस्तफाबाद, शाहदरा, विश्वास नगर और त्रिलोकपुरी पर जीत दर्ज की है।
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) को यूपी की सीमा से सटे गोकलपुर, सीलमपुर, सीमापुरी, बाबरपुर, कोंडली और ओखला में कामयाबी मिली है। इसके अलावा हरियाणा की सीमा से सटे तुगलकाबाद, बदरपुर और बुराड़ी में जीत मिली है।
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है। इसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, जंगपुरा विधानसभा सीट से मनीष सिसोदिया, शकूर बस्ती से ‘आप’ के सत्येंद्र जैन, ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज और पटपड़गंज से अवध ओझा को हार मिली है।
इसके अलावा करावल नगर विधानसभा सीट से भाजपा के कपिल मिश्रा, रोहिणी से भाजपा के विजेंद्र गुप्ता, बल्लीमारान से ‘आप’ के इमरान हुसैन, बाबरपुर से ‘आप’ के गोपाल राय, गांधी नगर से भाजपा के अरविंदर सिंह लवली ने जीत दर्ज की है।
–आईएएनएस
एफएम/सीबीटी