नई दिल्ली, 20 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली दंगा दावा आयोग (एनईडीआरसीसी) से पीड़ितों से प्राप्त दावों और उन्हें बांटी गई राशि पर चार सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल-न्यायाधीश की पीठ दंगा पीड़ितों द्वारा दिल्ली सरकार की दंगा पीड़ितों के लिए सहायता योजना के तहत मुआवजे की मांग करने वाली और मुआवजा बढ़ाने की मांग वाली कई याचिकाओं पर विचार कर रही थी।
इस योजना की शुरुआत अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने अप्रैल 2020 में की थी।
न्यायाधीश ने आयोग के सचिव को यह भी निर्देश दिया कि दावों और मुआवजे के लिए आवेदनों को संसाधित करने में उसके द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को रिकॉर्ड पर रखा जाए।
सहायता योजना में किसी बड़े या नाबालिग की मौत, स्थायी अक्षमता, गंभीर या मामूली चोटों और संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजे का प्रावधान है।
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने दावा किया कि कुछ मामलों में दावा आयोग के कार्यालय द्वारा सर्वेक्षण किया गया था और दी गई राशि दिल्ली सरकार की योजना में निर्धारित राशि से काफी कम थी।
याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहीं अधिवक्ता करुणा नंदी ने कहा कि याचिकाकर्ता बढ़े हुए मुआवजे की मांग कर रहा है और दंगे के दौरान मारे गए दो बच्चों के लिए कुल 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि किए जाने से व्यथित है।
करुणा ने तर्क दिया कि मुआवजा अपर्याप्त था और 5 लाख रुपये के अतिरिक्त अनुदान की जरूरत है।
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील समीर वशिष्ठ के अनुसार, दावा आयोग दावों का मूल्यांकन कर रहा है और इस बिंदु तक आवेदनों की प्रगति के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए स्थिति रिपोर्ट का अनुरोध किया जा सकता है।
यह देखते हुए कि याचिकाकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, न्यायाधीश प्रतिभा सिंह ने कहा कि दावा आयोग को इस मामले को जल्दी से आगे बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने कहा, मैं देखना चाहती हूं कि आयोग क्या कर रहा है और फिर मामले की सुनवाई के लिए आगे बढ़ना चाहती हूं।
न्यायाधीश मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को करेंगी।
–आईएएनएस
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