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दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल ने आठवें प्रयास में पास की यूपीएससी परीक्षा

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May 24, 2023
in राष्ट्रीय
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दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल ने आठवें प्रयास में पास की यूपीएससी परीक्षा
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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। साइबर सेल थाने में कार्यरत दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने 2022 की संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

एक साधारण परिवार से आने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने ²ढ़ता से काम किया और आखिरकार आठवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को पूरा किया।

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राम भजन की सफलता की यात्रा ²ढ़ संकल्प और धैर्य की प्रेरक कहानी है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से पुलिस अधिकारी बनने के रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अटूट संकल्प और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिससे यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

वह स्वयं अपने माता-पिता के साथ अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने स्कूल के समय में मजदूरी भी करते थे।

राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर रोजी-रोटी कमाते थे।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। मुझे 12 वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में चुना गया। अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से एक स्व-अध्ययन छात्र के रूप में की। वर्ष 2012 में हिंदी में नेट/जेआरएफ प्राप्त किया।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, उसी साल मेरी शादी अंजलि कुमारी से हुई। अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रेरित होकर 2015 में मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। मैंने इसके लिए कोचिंग ली और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी जारी रखी।

साल 2018 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।

उसके बाद लगातार कड़ी मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की।

परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की।

राम भजन ने कहा, मैंने परीक्षा से ठीक पहले तैयारी के लिए एक महीने के लिए छुट्टी भी ली और मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदी। फिरोज आलम सर, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने, ने मुझ जैसे लोगों की मदद की और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

राम भजन ने कहा, आलम सर ने हम जैसे उम्मीदवारों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जहां वे टिप्स साझा करते थे और हमें प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने मुझे साक्षात्कार के लिए भी तैयार किया।

–आईएएनएस

एकेजे

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। साइबर सेल थाने में कार्यरत दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने 2022 की संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

एक साधारण परिवार से आने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने ²ढ़ता से काम किया और आखिरकार आठवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को पूरा किया।

राम भजन की सफलता की यात्रा ²ढ़ संकल्प और धैर्य की प्रेरक कहानी है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से पुलिस अधिकारी बनने के रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अटूट संकल्प और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिससे यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

वह स्वयं अपने माता-पिता के साथ अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने स्कूल के समय में मजदूरी भी करते थे।

राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर रोजी-रोटी कमाते थे।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। मुझे 12 वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में चुना गया। अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से एक स्व-अध्ययन छात्र के रूप में की। वर्ष 2012 में हिंदी में नेट/जेआरएफ प्राप्त किया।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, उसी साल मेरी शादी अंजलि कुमारी से हुई। अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रेरित होकर 2015 में मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। मैंने इसके लिए कोचिंग ली और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी जारी रखी।

साल 2018 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।

उसके बाद लगातार कड़ी मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की।

परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की।

राम भजन ने कहा, मैंने परीक्षा से ठीक पहले तैयारी के लिए एक महीने के लिए छुट्टी भी ली और मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदी। फिरोज आलम सर, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने, ने मुझ जैसे लोगों की मदद की और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

राम भजन ने कहा, आलम सर ने हम जैसे उम्मीदवारों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जहां वे टिप्स साझा करते थे और हमें प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने मुझे साक्षात्कार के लिए भी तैयार किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। साइबर सेल थाने में कार्यरत दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने 2022 की संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

एक साधारण परिवार से आने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने ²ढ़ता से काम किया और आखिरकार आठवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को पूरा किया।

राम भजन की सफलता की यात्रा ²ढ़ संकल्प और धैर्य की प्रेरक कहानी है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से पुलिस अधिकारी बनने के रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अटूट संकल्प और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिससे यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

वह स्वयं अपने माता-पिता के साथ अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने स्कूल के समय में मजदूरी भी करते थे।

राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर रोजी-रोटी कमाते थे।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। मुझे 12 वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में चुना गया। अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से एक स्व-अध्ययन छात्र के रूप में की। वर्ष 2012 में हिंदी में नेट/जेआरएफ प्राप्त किया।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, उसी साल मेरी शादी अंजलि कुमारी से हुई। अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रेरित होकर 2015 में मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। मैंने इसके लिए कोचिंग ली और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी जारी रखी।

साल 2018 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।

उसके बाद लगातार कड़ी मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की।

परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की।

राम भजन ने कहा, मैंने परीक्षा से ठीक पहले तैयारी के लिए एक महीने के लिए छुट्टी भी ली और मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदी। फिरोज आलम सर, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने, ने मुझ जैसे लोगों की मदद की और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

राम भजन ने कहा, आलम सर ने हम जैसे उम्मीदवारों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जहां वे टिप्स साझा करते थे और हमें प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने मुझे साक्षात्कार के लिए भी तैयार किया।

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एक साधारण परिवार से आने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने ²ढ़ता से काम किया और आखिरकार आठवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को पूरा किया।

राम भजन की सफलता की यात्रा ²ढ़ संकल्प और धैर्य की प्रेरक कहानी है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से पुलिस अधिकारी बनने के रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अटूट संकल्प और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिससे यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

वह स्वयं अपने माता-पिता के साथ अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने स्कूल के समय में मजदूरी भी करते थे।

राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर रोजी-रोटी कमाते थे।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। मुझे 12 वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में चुना गया। अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से एक स्व-अध्ययन छात्र के रूप में की। वर्ष 2012 में हिंदी में नेट/जेआरएफ प्राप्त किया।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, उसी साल मेरी शादी अंजलि कुमारी से हुई। अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रेरित होकर 2015 में मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। मैंने इसके लिए कोचिंग ली और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी जारी रखी।

साल 2018 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।

उसके बाद लगातार कड़ी मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की।

परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की।

राम भजन ने कहा, मैंने परीक्षा से ठीक पहले तैयारी के लिए एक महीने के लिए छुट्टी भी ली और मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदी। फिरोज आलम सर, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने, ने मुझ जैसे लोगों की मदद की और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

राम भजन ने कहा, आलम सर ने हम जैसे उम्मीदवारों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जहां वे टिप्स साझा करते थे और हमें प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने मुझे साक्षात्कार के लिए भी तैयार किया।

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एक साधारण परिवार से आने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने ²ढ़ता से काम किया और आखिरकार आठवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को पूरा किया।

राम भजन की सफलता की यात्रा ²ढ़ संकल्प और धैर्य की प्रेरक कहानी है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से पुलिस अधिकारी बनने के रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अटूट संकल्प और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिससे यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

वह स्वयं अपने माता-पिता के साथ अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने स्कूल के समय में मजदूरी भी करते थे।

राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर रोजी-रोटी कमाते थे।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। मुझे 12 वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में चुना गया। अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से एक स्व-अध्ययन छात्र के रूप में की। वर्ष 2012 में हिंदी में नेट/जेआरएफ प्राप्त किया।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, उसी साल मेरी शादी अंजलि कुमारी से हुई। अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रेरित होकर 2015 में मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। मैंने इसके लिए कोचिंग ली और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी जारी रखी।

साल 2018 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।

उसके बाद लगातार कड़ी मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की।

परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की।

राम भजन ने कहा, मैंने परीक्षा से ठीक पहले तैयारी के लिए एक महीने के लिए छुट्टी भी ली और मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदी। फिरोज आलम सर, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने, ने मुझ जैसे लोगों की मदद की और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

राम भजन ने कहा, आलम सर ने हम जैसे उम्मीदवारों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जहां वे टिप्स साझा करते थे और हमें प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने मुझे साक्षात्कार के लिए भी तैयार किया।

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एक साधारण परिवार से आने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने ²ढ़ता से काम किया और आखिरकार आठवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को पूरा किया।

राम भजन की सफलता की यात्रा ²ढ़ संकल्प और धैर्य की प्रेरक कहानी है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से पुलिस अधिकारी बनने के रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अटूट संकल्प और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिससे यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

वह स्वयं अपने माता-पिता के साथ अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने स्कूल के समय में मजदूरी भी करते थे।

राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर रोजी-रोटी कमाते थे।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। मुझे 12 वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में चुना गया। अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से एक स्व-अध्ययन छात्र के रूप में की। वर्ष 2012 में हिंदी में नेट/जेआरएफ प्राप्त किया।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, उसी साल मेरी शादी अंजलि कुमारी से हुई। अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रेरित होकर 2015 में मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। मैंने इसके लिए कोचिंग ली और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी जारी रखी।

साल 2018 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।

उसके बाद लगातार कड़ी मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की।

परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की।

राम भजन ने कहा, मैंने परीक्षा से ठीक पहले तैयारी के लिए एक महीने के लिए छुट्टी भी ली और मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदी। फिरोज आलम सर, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने, ने मुझ जैसे लोगों की मदद की और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

राम भजन ने कहा, आलम सर ने हम जैसे उम्मीदवारों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जहां वे टिप्स साझा करते थे और हमें प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने मुझे साक्षात्कार के लिए भी तैयार किया।

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एक साधारण परिवार से आने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने ²ढ़ता से काम किया और आखिरकार आठवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को पूरा किया।

राम भजन की सफलता की यात्रा ²ढ़ संकल्प और धैर्य की प्रेरक कहानी है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से पुलिस अधिकारी बनने के रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अटूट संकल्प और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिससे यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

वह स्वयं अपने माता-पिता के साथ अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने स्कूल के समय में मजदूरी भी करते थे।

राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर रोजी-रोटी कमाते थे।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। मुझे 12 वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में चुना गया। अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से एक स्व-अध्ययन छात्र के रूप में की। वर्ष 2012 में हिंदी में नेट/जेआरएफ प्राप्त किया।

उन्होंने आईएएनएस को बताया, उसी साल मेरी शादी अंजलि कुमारी से हुई। अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रेरित होकर 2015 में मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। मैंने इसके लिए कोचिंग ली और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी जारी रखी।

साल 2018 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।

उसके बाद लगातार कड़ी मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की।

परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की।

राम भजन ने कहा, मैंने परीक्षा से ठीक पहले तैयारी के लिए एक महीने के लिए छुट्टी भी ली और मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदी। फिरोज आलम सर, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने, ने मुझ जैसे लोगों की मदद की और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

राम भजन ने कहा, आलम सर ने हम जैसे उम्मीदवारों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जहां वे टिप्स साझा करते थे और हमें प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने मुझे साक्षात्कार के लिए भी तैयार किया।

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एक साधारण परिवार से आने वाले 34 वर्षीय राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने ²ढ़ता से काम किया और आखिरकार आठवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने सपने को पूरा किया।

राम भजन की सफलता की यात्रा ²ढ़ संकल्प और धैर्य की प्रेरक कहानी है। सीमित संसाधनों वाले परिवार से पुलिस अधिकारी बनने के रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके अटूट संकल्प और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ाया, जिससे यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।

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साल 2018 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए।

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परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की।

राम भजन ने कहा, मैंने परीक्षा से ठीक पहले तैयारी के लिए एक महीने के लिए छुट्टी भी ली और मुखर्जी नगर से अध्ययन सामग्री खरीदी। फिरोज आलम सर, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने, ने मुझ जैसे लोगों की मदद की और उन्हें कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

राम भजन ने कहा, आलम सर ने हम जैसे उम्मीदवारों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जहां वे टिप्स साझा करते थे और हमें प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने मुझे साक्षात्कार के लिए भी तैयार किया।

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