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दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार, कम ब्याज पर लोन देने के बहाने लोगों को ठगते थे

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December 30, 2022
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दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार, कम ब्याज पर लोन देने के बहाने लोगों को ठगते थे
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नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नोएडा से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी कम ब्याज पर लोन देने के बहाने लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान नोएडा निवासी मोहित शर्मा, फरीदाबाद निवासी प्रेम सिंह और दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद फैसल के रूप में हुई है।

उत्तर के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने कहा कि साइबर थाने में राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से एक शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने कहा कि जुलाई 2020 में कोरोना महामारी के कारण वह कुछ आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस वजह से उसने लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उसे कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से कॉल आने लगे और कॉल करने वालों ने खुद को एचडीबी फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताया था।

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आरोपियों ने व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से लोन की पेशकश की थी, लेकिन शर्त रखी थी कि यदि उन्हें लोन मंजूर कराना है तो बीमा पॉलिसी लेनी होगी। बीमा पॉलिसी जारी करने के बाद शिकायतकर्ता को लोन राशि मंजूर करने के लिए विभिन्न शुल्कों के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया और इस प्रकार शिकायतकर्ता से 14 लाख रुपये की ठगी की गई। व्यक्ति को कोई लोन नहीं दिया गया।

अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस ने रणनीति बनाई। एक टीम को विभिन्न खातों और वॉलेट के जरिए पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को उपलब्ध मोबाइल नंबरों के माध्यम से तकनीकी जांच करने का काम सौंपा गया था। दोनों टीमों के प्रयासों से आरोपी व्यक्तियों की लोकेशन गाजियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ट्रेस की गई थी। ग्राउंड स्तर पर जांच के साथ-साथ आगे की तकनीकी जांच में आरोपी व्यक्तियों का पता चल गया।

पुलिस की टीम के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की गई और 26 दिसंबर को मोहित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। मोहित के पास से आई-20 कार, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, विभिन्न पासबुक, चेक-बुक और डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। टीम को मोहित ने अपने सहयोगी प्रेम सिंह तक पहुंचाया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले सीलमपुर में रहने वाले मुख्य आरोपी फैसल के साथ जुड़े हुए थे।

पुलिस ने 27 दिसंबर को मुख्य आरोपी फैसल को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नोएडा में सेक्टर-59 स्थित अपने कार्यालय से बाहर आ रहा था। अधिकारी ने कहा कि फैसल से पूछताछ में पता चला कि वह आरोपी मोहित के साथ नोएडा के सेक्टर 59 में स्थापित कॉल सेंटर- हेक्सर इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था और वह मैक्स, बिड़ला सनलाइफ आदि सहित विभिन्न बड़ी बीमा कंपनियों की बीमा पॉलिसियों की पेशकश करते थे।

आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन के विश्लेषण से पता चला कि टेली-कॉल करने वाले कीपैड मोबाइल फोन के अलावा फर्जी कॉल करने और पीड़ितों को फंसाने के लिए फिक्स्ड कॉलिंग लाइन के माध्यम से भी कॉल कर रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम कॉल सेंटर पहुंची और लॉकर व अन्य जगहों से 170 मोबाइल फोन जब्त किए। पीड़ितों के रिकॉर्ड होने के संदेह में कुछ रजिस्टर और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए। बरामद फोन के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और फ्लोर मैनेजर और कॉल सेंटर के मालिक की जांच की जा रही है।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नोएडा से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी कम ब्याज पर लोन देने के बहाने लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान नोएडा निवासी मोहित शर्मा, फरीदाबाद निवासी प्रेम सिंह और दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद फैसल के रूप में हुई है।

उत्तर के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने कहा कि साइबर थाने में राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से एक शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने कहा कि जुलाई 2020 में कोरोना महामारी के कारण वह कुछ आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस वजह से उसने लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उसे कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से कॉल आने लगे और कॉल करने वालों ने खुद को एचडीबी फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताया था।

आरोपियों ने व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से लोन की पेशकश की थी, लेकिन शर्त रखी थी कि यदि उन्हें लोन मंजूर कराना है तो बीमा पॉलिसी लेनी होगी। बीमा पॉलिसी जारी करने के बाद शिकायतकर्ता को लोन राशि मंजूर करने के लिए विभिन्न शुल्कों के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया और इस प्रकार शिकायतकर्ता से 14 लाख रुपये की ठगी की गई। व्यक्ति को कोई लोन नहीं दिया गया।

अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस ने रणनीति बनाई। एक टीम को विभिन्न खातों और वॉलेट के जरिए पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को उपलब्ध मोबाइल नंबरों के माध्यम से तकनीकी जांच करने का काम सौंपा गया था। दोनों टीमों के प्रयासों से आरोपी व्यक्तियों की लोकेशन गाजियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ट्रेस की गई थी। ग्राउंड स्तर पर जांच के साथ-साथ आगे की तकनीकी जांच में आरोपी व्यक्तियों का पता चल गया।

पुलिस की टीम के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की गई और 26 दिसंबर को मोहित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। मोहित के पास से आई-20 कार, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, विभिन्न पासबुक, चेक-बुक और डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। टीम को मोहित ने अपने सहयोगी प्रेम सिंह तक पहुंचाया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले सीलमपुर में रहने वाले मुख्य आरोपी फैसल के साथ जुड़े हुए थे।

पुलिस ने 27 दिसंबर को मुख्य आरोपी फैसल को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नोएडा में सेक्टर-59 स्थित अपने कार्यालय से बाहर आ रहा था। अधिकारी ने कहा कि फैसल से पूछताछ में पता चला कि वह आरोपी मोहित के साथ नोएडा के सेक्टर 59 में स्थापित कॉल सेंटर- हेक्सर इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था और वह मैक्स, बिड़ला सनलाइफ आदि सहित विभिन्न बड़ी बीमा कंपनियों की बीमा पॉलिसियों की पेशकश करते थे।

आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन के विश्लेषण से पता चला कि टेली-कॉल करने वाले कीपैड मोबाइल फोन के अलावा फर्जी कॉल करने और पीड़ितों को फंसाने के लिए फिक्स्ड कॉलिंग लाइन के माध्यम से भी कॉल कर रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम कॉल सेंटर पहुंची और लॉकर व अन्य जगहों से 170 मोबाइल फोन जब्त किए। पीड़ितों के रिकॉर्ड होने के संदेह में कुछ रजिस्टर और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए। बरामद फोन के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और फ्लोर मैनेजर और कॉल सेंटर के मालिक की जांच की जा रही है।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नोएडा से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी कम ब्याज पर लोन देने के बहाने लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान नोएडा निवासी मोहित शर्मा, फरीदाबाद निवासी प्रेम सिंह और दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद फैसल के रूप में हुई है।

उत्तर के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने कहा कि साइबर थाने में राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से एक शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने कहा कि जुलाई 2020 में कोरोना महामारी के कारण वह कुछ आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस वजह से उसने लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उसे कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से कॉल आने लगे और कॉल करने वालों ने खुद को एचडीबी फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताया था।

आरोपियों ने व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से लोन की पेशकश की थी, लेकिन शर्त रखी थी कि यदि उन्हें लोन मंजूर कराना है तो बीमा पॉलिसी लेनी होगी। बीमा पॉलिसी जारी करने के बाद शिकायतकर्ता को लोन राशि मंजूर करने के लिए विभिन्न शुल्कों के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया और इस प्रकार शिकायतकर्ता से 14 लाख रुपये की ठगी की गई। व्यक्ति को कोई लोन नहीं दिया गया।

अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस ने रणनीति बनाई। एक टीम को विभिन्न खातों और वॉलेट के जरिए पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को उपलब्ध मोबाइल नंबरों के माध्यम से तकनीकी जांच करने का काम सौंपा गया था। दोनों टीमों के प्रयासों से आरोपी व्यक्तियों की लोकेशन गाजियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ट्रेस की गई थी। ग्राउंड स्तर पर जांच के साथ-साथ आगे की तकनीकी जांच में आरोपी व्यक्तियों का पता चल गया।

पुलिस की टीम के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की गई और 26 दिसंबर को मोहित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। मोहित के पास से आई-20 कार, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, विभिन्न पासबुक, चेक-बुक और डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। टीम को मोहित ने अपने सहयोगी प्रेम सिंह तक पहुंचाया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले सीलमपुर में रहने वाले मुख्य आरोपी फैसल के साथ जुड़े हुए थे।

पुलिस ने 27 दिसंबर को मुख्य आरोपी फैसल को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नोएडा में सेक्टर-59 स्थित अपने कार्यालय से बाहर आ रहा था। अधिकारी ने कहा कि फैसल से पूछताछ में पता चला कि वह आरोपी मोहित के साथ नोएडा के सेक्टर 59 में स्थापित कॉल सेंटर- हेक्सर इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था और वह मैक्स, बिड़ला सनलाइफ आदि सहित विभिन्न बड़ी बीमा कंपनियों की बीमा पॉलिसियों की पेशकश करते थे।

आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन के विश्लेषण से पता चला कि टेली-कॉल करने वाले कीपैड मोबाइल फोन के अलावा फर्जी कॉल करने और पीड़ितों को फंसाने के लिए फिक्स्ड कॉलिंग लाइन के माध्यम से भी कॉल कर रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम कॉल सेंटर पहुंची और लॉकर व अन्य जगहों से 170 मोबाइल फोन जब्त किए। पीड़ितों के रिकॉर्ड होने के संदेह में कुछ रजिस्टर और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए। बरामद फोन के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और फ्लोर मैनेजर और कॉल सेंटर के मालिक की जांच की जा रही है।

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नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नोएडा से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी कम ब्याज पर लोन देने के बहाने लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान नोएडा निवासी मोहित शर्मा, फरीदाबाद निवासी प्रेम सिंह और दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद फैसल के रूप में हुई है।

उत्तर के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने कहा कि साइबर थाने में राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से एक शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने कहा कि जुलाई 2020 में कोरोना महामारी के कारण वह कुछ आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस वजह से उसने लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उसे कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से कॉल आने लगे और कॉल करने वालों ने खुद को एचडीबी फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताया था।

आरोपियों ने व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से लोन की पेशकश की थी, लेकिन शर्त रखी थी कि यदि उन्हें लोन मंजूर कराना है तो बीमा पॉलिसी लेनी होगी। बीमा पॉलिसी जारी करने के बाद शिकायतकर्ता को लोन राशि मंजूर करने के लिए विभिन्न शुल्कों के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया और इस प्रकार शिकायतकर्ता से 14 लाख रुपये की ठगी की गई। व्यक्ति को कोई लोन नहीं दिया गया।

अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस ने रणनीति बनाई। एक टीम को विभिन्न खातों और वॉलेट के जरिए पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को उपलब्ध मोबाइल नंबरों के माध्यम से तकनीकी जांच करने का काम सौंपा गया था। दोनों टीमों के प्रयासों से आरोपी व्यक्तियों की लोकेशन गाजियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ट्रेस की गई थी। ग्राउंड स्तर पर जांच के साथ-साथ आगे की तकनीकी जांच में आरोपी व्यक्तियों का पता चल गया।

पुलिस की टीम के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की गई और 26 दिसंबर को मोहित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। मोहित के पास से आई-20 कार, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, विभिन्न पासबुक, चेक-बुक और डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। टीम को मोहित ने अपने सहयोगी प्रेम सिंह तक पहुंचाया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले सीलमपुर में रहने वाले मुख्य आरोपी फैसल के साथ जुड़े हुए थे।

पुलिस ने 27 दिसंबर को मुख्य आरोपी फैसल को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नोएडा में सेक्टर-59 स्थित अपने कार्यालय से बाहर आ रहा था। अधिकारी ने कहा कि फैसल से पूछताछ में पता चला कि वह आरोपी मोहित के साथ नोएडा के सेक्टर 59 में स्थापित कॉल सेंटर- हेक्सर इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था और वह मैक्स, बिड़ला सनलाइफ आदि सहित विभिन्न बड़ी बीमा कंपनियों की बीमा पॉलिसियों की पेशकश करते थे।

आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन के विश्लेषण से पता चला कि टेली-कॉल करने वाले कीपैड मोबाइल फोन के अलावा फर्जी कॉल करने और पीड़ितों को फंसाने के लिए फिक्स्ड कॉलिंग लाइन के माध्यम से भी कॉल कर रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम कॉल सेंटर पहुंची और लॉकर व अन्य जगहों से 170 मोबाइल फोन जब्त किए। पीड़ितों के रिकॉर्ड होने के संदेह में कुछ रजिस्टर और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए। बरामद फोन के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और फ्लोर मैनेजर और कॉल सेंटर के मालिक की जांच की जा रही है।

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नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नोएडा से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी कम ब्याज पर लोन देने के बहाने लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान नोएडा निवासी मोहित शर्मा, फरीदाबाद निवासी प्रेम सिंह और दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद फैसल के रूप में हुई है।

उत्तर के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने कहा कि साइबर थाने में राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से एक शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने कहा कि जुलाई 2020 में कोरोना महामारी के कारण वह कुछ आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस वजह से उसने लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उसे कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से कॉल आने लगे और कॉल करने वालों ने खुद को एचडीबी फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताया था।

आरोपियों ने व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से लोन की पेशकश की थी, लेकिन शर्त रखी थी कि यदि उन्हें लोन मंजूर कराना है तो बीमा पॉलिसी लेनी होगी। बीमा पॉलिसी जारी करने के बाद शिकायतकर्ता को लोन राशि मंजूर करने के लिए विभिन्न शुल्कों के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया और इस प्रकार शिकायतकर्ता से 14 लाख रुपये की ठगी की गई। व्यक्ति को कोई लोन नहीं दिया गया।

अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस ने रणनीति बनाई। एक टीम को विभिन्न खातों और वॉलेट के जरिए पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को उपलब्ध मोबाइल नंबरों के माध्यम से तकनीकी जांच करने का काम सौंपा गया था। दोनों टीमों के प्रयासों से आरोपी व्यक्तियों की लोकेशन गाजियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ट्रेस की गई थी। ग्राउंड स्तर पर जांच के साथ-साथ आगे की तकनीकी जांच में आरोपी व्यक्तियों का पता चल गया।

पुलिस की टीम के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की गई और 26 दिसंबर को मोहित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। मोहित के पास से आई-20 कार, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, विभिन्न पासबुक, चेक-बुक और डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। टीम को मोहित ने अपने सहयोगी प्रेम सिंह तक पहुंचाया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले सीलमपुर में रहने वाले मुख्य आरोपी फैसल के साथ जुड़े हुए थे।

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अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस ने रणनीति बनाई। एक टीम को विभिन्न खातों और वॉलेट के जरिए पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को उपलब्ध मोबाइल नंबरों के माध्यम से तकनीकी जांच करने का काम सौंपा गया था। दोनों टीमों के प्रयासों से आरोपी व्यक्तियों की लोकेशन गाजियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ट्रेस की गई थी। ग्राउंड स्तर पर जांच के साथ-साथ आगे की तकनीकी जांच में आरोपी व्यक्तियों का पता चल गया।

पुलिस की टीम के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की गई और 26 दिसंबर को मोहित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। मोहित के पास से आई-20 कार, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, विभिन्न पासबुक, चेक-बुक और डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। टीम को मोहित ने अपने सहयोगी प्रेम सिंह तक पहुंचाया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले सीलमपुर में रहने वाले मुख्य आरोपी फैसल के साथ जुड़े हुए थे।

पुलिस ने 27 दिसंबर को मुख्य आरोपी फैसल को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नोएडा में सेक्टर-59 स्थित अपने कार्यालय से बाहर आ रहा था। अधिकारी ने कहा कि फैसल से पूछताछ में पता चला कि वह आरोपी मोहित के साथ नोएडा के सेक्टर 59 में स्थापित कॉल सेंटर- हेक्सर इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था और वह मैक्स, बिड़ला सनलाइफ आदि सहित विभिन्न बड़ी बीमा कंपनियों की बीमा पॉलिसियों की पेशकश करते थे।

आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन के विश्लेषण से पता चला कि टेली-कॉल करने वाले कीपैड मोबाइल फोन के अलावा फर्जी कॉल करने और पीड़ितों को फंसाने के लिए फिक्स्ड कॉलिंग लाइन के माध्यम से भी कॉल कर रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम कॉल सेंटर पहुंची और लॉकर व अन्य जगहों से 170 मोबाइल फोन जब्त किए। पीड़ितों के रिकॉर्ड होने के संदेह में कुछ रजिस्टर और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए। बरामद फोन के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और फ्लोर मैनेजर और कॉल सेंटर के मालिक की जांच की जा रही है।

–आईएएनएस

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उत्तर के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने कहा कि साइबर थाने में राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से एक शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने कहा कि जुलाई 2020 में कोरोना महामारी के कारण वह कुछ आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस वजह से उसने लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उसे कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से कॉल आने लगे और कॉल करने वालों ने खुद को एचडीबी फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताया था।

आरोपियों ने व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से लोन की पेशकश की थी, लेकिन शर्त रखी थी कि यदि उन्हें लोन मंजूर कराना है तो बीमा पॉलिसी लेनी होगी। बीमा पॉलिसी जारी करने के बाद शिकायतकर्ता को लोन राशि मंजूर करने के लिए विभिन्न शुल्कों के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया और इस प्रकार शिकायतकर्ता से 14 लाख रुपये की ठगी की गई। व्यक्ति को कोई लोन नहीं दिया गया।

अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस ने रणनीति बनाई। एक टीम को विभिन्न खातों और वॉलेट के जरिए पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को उपलब्ध मोबाइल नंबरों के माध्यम से तकनीकी जांच करने का काम सौंपा गया था। दोनों टीमों के प्रयासों से आरोपी व्यक्तियों की लोकेशन गाजियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ट्रेस की गई थी। ग्राउंड स्तर पर जांच के साथ-साथ आगे की तकनीकी जांच में आरोपी व्यक्तियों का पता चल गया।

पुलिस की टीम के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की गई और 26 दिसंबर को मोहित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। मोहित के पास से आई-20 कार, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, विभिन्न पासबुक, चेक-बुक और डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। टीम को मोहित ने अपने सहयोगी प्रेम सिंह तक पहुंचाया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले सीलमपुर में रहने वाले मुख्य आरोपी फैसल के साथ जुड़े हुए थे।

पुलिस ने 27 दिसंबर को मुख्य आरोपी फैसल को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नोएडा में सेक्टर-59 स्थित अपने कार्यालय से बाहर आ रहा था। अधिकारी ने कहा कि फैसल से पूछताछ में पता चला कि वह आरोपी मोहित के साथ नोएडा के सेक्टर 59 में स्थापित कॉल सेंटर- हेक्सर इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था और वह मैक्स, बिड़ला सनलाइफ आदि सहित विभिन्न बड़ी बीमा कंपनियों की बीमा पॉलिसियों की पेशकश करते थे।

आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन के विश्लेषण से पता चला कि टेली-कॉल करने वाले कीपैड मोबाइल फोन के अलावा फर्जी कॉल करने और पीड़ितों को फंसाने के लिए फिक्स्ड कॉलिंग लाइन के माध्यम से भी कॉल कर रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम कॉल सेंटर पहुंची और लॉकर व अन्य जगहों से 170 मोबाइल फोन जब्त किए। पीड़ितों के रिकॉर्ड होने के संदेह में कुछ रजिस्टर और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए। बरामद फोन के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और फ्लोर मैनेजर और कॉल सेंटर के मालिक की जांच की जा रही है।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नोएडा से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी कम ब्याज पर लोन देने के बहाने लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान नोएडा निवासी मोहित शर्मा, फरीदाबाद निवासी प्रेम सिंह और दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद फैसल के रूप में हुई है।

उत्तर के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने कहा कि साइबर थाने में राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोटिर्ंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से एक शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने कहा कि जुलाई 2020 में कोरोना महामारी के कारण वह कुछ आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस वजह से उसने लोन के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उसे कई अज्ञात मोबाइल नंबरों से कॉल आने लगे और कॉल करने वालों ने खुद को एचडीबी फाइनेंस कंपनी का अधिकारी बताया था।

आरोपियों ने व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से लोन की पेशकश की थी, लेकिन शर्त रखी थी कि यदि उन्हें लोन मंजूर कराना है तो बीमा पॉलिसी लेनी होगी। बीमा पॉलिसी जारी करने के बाद शिकायतकर्ता को लोन राशि मंजूर करने के लिए विभिन्न शुल्कों के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया और इस प्रकार शिकायतकर्ता से 14 लाख रुपये की ठगी की गई। व्यक्ति को कोई लोन नहीं दिया गया।

अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस ने रणनीति बनाई। एक टीम को विभिन्न खातों और वॉलेट के जरिए पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए तैनात किया गया था, जबकि एक अन्य टीम को उपलब्ध मोबाइल नंबरों के माध्यम से तकनीकी जांच करने का काम सौंपा गया था। दोनों टीमों के प्रयासों से आरोपी व्यक्तियों की लोकेशन गाजियाबाद, फरीदाबाद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ट्रेस की गई थी। ग्राउंड स्तर पर जांच के साथ-साथ आगे की तकनीकी जांच में आरोपी व्यक्तियों का पता चल गया।

पुलिस की टीम के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की गई और 26 दिसंबर को मोहित को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। मोहित के पास से आई-20 कार, एक लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, विभिन्न पासबुक, चेक-बुक और डेबिट/क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। टीम को मोहित ने अपने सहयोगी प्रेम सिंह तक पहुंचाया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले सीलमपुर में रहने वाले मुख्य आरोपी फैसल के साथ जुड़े हुए थे।

पुलिस ने 27 दिसंबर को मुख्य आरोपी फैसल को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नोएडा में सेक्टर-59 स्थित अपने कार्यालय से बाहर आ रहा था। अधिकारी ने कहा कि फैसल से पूछताछ में पता चला कि वह आरोपी मोहित के साथ नोएडा के सेक्टर 59 में स्थापित कॉल सेंटर- हेक्सर इंश्योरेंस प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था और वह मैक्स, बिड़ला सनलाइफ आदि सहित विभिन्न बड़ी बीमा कंपनियों की बीमा पॉलिसियों की पेशकश करते थे।

आरोपी व्यक्तियों के मोबाइल फोन के विश्लेषण से पता चला कि टेली-कॉल करने वाले कीपैड मोबाइल फोन के अलावा फर्जी कॉल करने और पीड़ितों को फंसाने के लिए फिक्स्ड कॉलिंग लाइन के माध्यम से भी कॉल कर रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम कॉल सेंटर पहुंची और लॉकर व अन्य जगहों से 170 मोबाइल फोन जब्त किए। पीड़ितों के रिकॉर्ड होने के संदेह में कुछ रजिस्टर और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए। बरामद फोन के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और फ्लोर मैनेजर और कॉल सेंटर के मालिक की जांच की जा रही है।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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