नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चीन फंडिंग मामले में हिरासत में लिए गए पत्रकारों के लिए कम से कम 25 सवालों की एक सूची बनाई है।
हालांकि, उन पत्रकारों को हिरासत में लेने के संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, जिनके घरों पर मंगलवार तड़के पुलिस टीमों ने छापेमारी की।
सूत्रों के अनुसार, सवाल शाहीन बाग में सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शन, किसानों के विरोध प्रदर्शन, उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों और यहां तक कि उनकी विदेश यात्रा के विवरण से संबंधित हैं।
मीडिया आउटलेट न्यूजक्लिक को चीन से फंडिंग मिलने के आरोप में स्पेशल सेल द्वारा 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
छापेमारी के दौरान स्पेशल सेल ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, लैपटॉप, मोबाइल फोन, पेन ड्राइव भी जब्त किए थे और न्यूजक्लिक कार्यालय से हार्ड डिस्क के डेटा डंप भी लिए थे। संगठन से जुड़े पत्रकारों में भाषा सिंह, अभिसार शर्मा, संजय राजौरा और अन्य शामिल हैं।
न्यूजक्लिक के लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता और उर्मिलेश के घर की भी तलाशी ली गई। उन्हें पुलिस द्वारा कारों में ले जाते देखा गया।
अभिसार शर्मा ने मंगलवार को एक्स पर लिखा, “दिल्ली पुलिस मेरे घर पहुंची। मेरा लैपटॉप और फोन ले लिया।”
वेब पोर्टल की एक अन्य पत्रकार भाषा सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया, “आखिरकार इस फोन से आखिरी ट्वीट हुआ। दिल्ली पुलिस ने मेरा फोन जब्त कर लिया।”
5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स ने ‘ए यूएस टेक मुगल लिंक्ड टू ए ग्लोबल वेब ऑफ चाइनीज प्रोपेगेंडा’ शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि न्यूजक्लिक, एक समाचार पोर्टल, अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से फंड प्राप्त करने वाले एक वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा था, जो कथित तौर पर चीनी सरकारी मीडिया के साथ करीब से जुड़ा हुआ था।
एनवाईटी रिपोर्ट का हवाला देते हुए, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस, चीन और न्यूजक्लिक के बीच ‘एंटी-इंडिया अंबिलिकल कॉर्ड’ है और वे वेबसाइट के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।
न्यूजक्लिक ने दो दिन बाद एक बयान जारी किया, जिसमें आरोपों को निराधार और तथ्यात्मक या कानूनी समर्थन की कमी बताते हुए खंडन किया।
सूत्रों के अनुसार, न्यूजक्लिक से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी 17 अगस्त को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की अन्य धाराएं, जिनमें धारा 153ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं, के तहत दर्ज मामले के आधार पर की गई थी।
एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि एफआईआर में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), धारा 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), धारा 18 (साजिश) और धारा 22 सी (कंपनियों द्वारा अपराध) लागू की गई है।
–आईएएनएस
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