नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
–आईएएनएस
पीएसके/एकेजे
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
–आईएएनएस
पीएसके/एकेजे
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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पीएसके/एकेजे
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नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे सरस फूड फेस्टिवल में इस बार एक खास आकर्षण ‘लखपति दीदी’ हैं। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आईं हैं, जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने में सफल रही हैं। इन महिलाओं ने सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय अर्जित की है और प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।
फूड फेस्टिवल में 25 राज्यों के विभिन्न पारंपरिक व्यंजन प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश का सिद्धू, महाराष्ट्र की सोल कधी और झारखंड की पीठा रोटी जैसे विशेष व्यंजन शामिल हैं। यह आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया गया है। इस बार इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण और विभिन्न क्षेत्रीय खानपान की समृद्ध परंपराओं को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ के कुछ लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी आईएएनएस के साथ साझा की।
लाभार्थी मानती देवनाथ ने कहा कि हमारे लिए यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास के कारण ही हम लखपति बने हैं और अपनी जिंदगी में बदलाव ला पाए हैं। आज हम अपने पैरों पर खड़े हैं, यह सब पीएम मोदी की मदद से ही संभव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला, हम उन्हें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
सानवी नाम की एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हम सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं। पहले हम घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, लेकिन अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जी रहे हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा मौका दिया है।
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि हमें इस योजना का लाभ मिलने के बाद जो आत्मविश्वास मिला है, वह अविश्वसनीय है। हम अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी यह समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर वे खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकती हैं। पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए जो ऊंचाइयां मोदी जी ने तय की हैं, वह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहयोग प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यावसायिक कौशल को विकसित कर सकें। इस योजना के जरिए देश भर में लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है।