नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के बीकानेर हाउस में चित्रों की प्रदर्शनी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इस प्रदर्शनी में मैनेजमेंट की शिक्षिका डॉ. शालिनी यादव की पेंटिंग बहुत पसंद की जा रही है। उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है।
शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
–आईएएनएस
एसएम/सीबीटी
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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के बीकानेर हाउस में चित्रों की प्रदर्शनी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इस प्रदर्शनी में मैनेजमेंट की शिक्षिका डॉ. शालिनी यादव की पेंटिंग बहुत पसंद की जा रही है। उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है।
शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के बीकानेर हाउस में चित्रों की प्रदर्शनी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इस प्रदर्शनी में मैनेजमेंट की शिक्षिका डॉ. शालिनी यादव की पेंटिंग बहुत पसंद की जा रही है। उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है।
शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के बीकानेर हाउस में चित्रों की प्रदर्शनी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इस प्रदर्शनी में मैनेजमेंट की शिक्षिका डॉ. शालिनी यादव की पेंटिंग बहुत पसंद की जा रही है। उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है।
शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
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शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
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शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
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शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
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शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
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शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।
–आईएएनएस
एसएम/सीबीटी
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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के बीकानेर हाउस में चित्रों की प्रदर्शनी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इस प्रदर्शनी में मैनेजमेंट की शिक्षिका डॉ. शालिनी यादव की पेंटिंग बहुत पसंद की जा रही है। उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है।
शालिनी ने प्रदर्शनी में भगवान कृष्ण, विष्णु, गणेश, हनुमान और शिव के रूप में विभिन्न दिव्य अभिव्यक्तियों की महाकाव्य कथाएं प्रस्तुत की है। उन्होंने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की और अपनी चित्रकारी की यात्रा को शेयर किया।
शालिनी ने कहा कि वो पेशे से एक शिक्षक हैं, लेकिन चित्रकारी में उनकी हमेशा से रुचि रही है। ”मैंने पिछले सात से आठ साल की मेहनत को बीकानेर हाउस में चित्रकारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है। मैंने बचपन से अपने दादा-दादी और माता-पिता से जो कहानियां सुनी है, उन्हीं को मैंने अपनी चित्रकारी में उतारा है।”
उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर नहीं जा रही कि हिंदू माइथोलॉजी सही है या नहीं, लेकिन मुझे उन कहानियों ने प्रभावित किया है। मैंने हर कैनवास पर उसको अलग-अलग तरीके से प्रदर्शित किया है। मुझे देवी देवताओं की पेंटिंग बनाने में काफ़ी रुचि है और मैं हमेशा यही प्रयास करती रहती हूं।
शालिनी ने बताया कि उन्होंने चित्रकारी अपनी मां से सीखी है। वो भी अच्छी पेंटिंग बनाया करती थीं। अपनी मां के काम को मैं आगे बढ़ा रही हूं। मैंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बल्कि खुद से और मां से सीखा है। मैं सभी से सीखने की कोशिश करती हूं।
बता दें दिल्ली के बीकानेर हाउस में शालिनी यादव की चित्रकारी 23 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। सुबह 11 से शाम 7 बजे के बीच पहुंचकर प्रदर्शनी का आनंद लिया जा सकता है।