नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पौड़ी गढ़वाल से भाजपा सांसद अनिल बलूनी के दिल्ली स्थित आवास पर लोकपर्व इगास-बग्वाल कार्यक्रम में शामिल हुए।
पीएम मोदी के अलावा इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अनेक लोग शामिल हुए। भाजपा सांसद हर साल यह पर्व मनाते हैं, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री के समारोह में शामिल होने से यह और भी खास हो गया।
समारोह में पीएम मोदी के साथ साधु-संत भी नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी पहनी हुई है। इस मौके पर पीएम मोदी ने अनिल बलूनी के आवास पर गौ पूजन, तुलसी पूजन कर इगास की ज्योति प्रज्वलित की।
पीएम मोदी ने उत्तराखंड समेत सभी देशवासियों को इगास पर्व की बहुत-बहुत बधाई दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ”उत्तराखंड के मेरे परिवारजनों सहित सभी देशवासियों को इगास पर्व की बहुत-बहुत बधाई! दिल्ली में आज मुझे भी उत्तराखंड से लोकसभा सांसद अनिल बलूनी जी के यहां इस त्योहार में शामिल होने का सौभाग्य मिला। मेरी कामना है कि यह पर्व हर किसी के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाए।”
पीएम ने आगे कहा, “हम विकास और विरासत को एक साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे इस बात का संतोष है कि लगभग लुप्तप्राय हो चुका लोक संस्कृति से जुड़ा इगास पर्व, एक बार फिर से उत्तराखंड के मेरे परिवारजनों की आस्था का केंद्र बन रहा है।”
उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के मेरे भाई-बहनों ने इगास की परंपरा को जिस प्रकार जीवंत किया है, वो बहुत उत्साहित करने वाला है। देशभर में इस पावन पर्व को जिस बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है, वो इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। मुझे विश्वास है कि देवभूमि की यह विरासत और फलेगी-फूलेगी।”
बता दें कि दीपावली पर्व के 11वें दिन उत्तराखंड में इगास बग्वाल का पर्व मनाया जाता है। इसे बूढ़ी दीपावली भी कहा जाता है। इस पर्व को लेकर लोगों में बहुत उत्साह नजर आया है। अलग-अलग स्थानों पर लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झूमते दिखाई दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को उत्तराखंड के लोकपर्व इगास की शुभकामनाएं दी। सीएम ने कहा कि प्रदेशवासियों को इगास पर्व की बधाई देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति एवं लोक परंपरा उस प्रदेश की आत्मा होती है। इसमें इगास का पर्व भी शामिल है। हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं।
–आईएएनएस
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