नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में देखा जा रहा है कि चिकित्सा विशेषज्ञों और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट की कमी के कारण दिव्यांग जनों को प्रमाणपत्र जारी करने के अनेक मामले लंबित पड़े हैं। अब ऐसे सभी मामलों के त्वरित निपटान के लिए संबंधित अस्पतालों को ज़रूरी लॉजिस्टिक्स सपोर्ट मुहैया कराने को कहा गया है।
खराब क्रियान्वयन और लंबित मामलों पर समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने भी नाराजगी जताई है। इसके साथ ही मंत्री ने सभी लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।
दरअसल, रविवार को समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने दिव्यांग जन प्रमाणपत्र या यूडीआईडी कार्ड जारी करने में होने वाली देरी को लेकर मेडिकल बोर्ड और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया में होने वाली जटिलताओं और दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए प्रमाणपत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से यह बैठक बुलाई गई, ताकि इन जटिलताओं को कम किया जा सके।
इस बैठक का उद्देश्य था कि दिव्यांग जनों को परेशानी रहित सेवाएं प्रदान की जा सकें। बैठक में पाया गया कि चिकित्सा विशेषज्ञों और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट की कमी के कारण मामले बड़ी संख्या में लंबित हैं। ऐसे सभी मामलों के त्वरित निपटान के लिए मंत्री ने संबंधित अस्पतालों को ज़रूरी लॉजिस्टिक्स सपोर्ट मुहैया कराने का आश्वासन दिया। मंत्री ने मुख्य बिंदु पर केंद्रित करते हुए निर्देश दिए कि विशेषज्ञ या पैनल की अनुपस्थिति में पोर्टल पर अस्पताल के स्थानांतरण के विकल्पों की संभावनाओं के अन्वेषण पर जल्द क्रियान्वन किया जाए।
मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि दिल्ली सरकार दिव्यांग जनों के जीवन को सुगम बनाने और उन्हें बेहतर सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को दिव्यांग जनों को यूडीआईडी और दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है। आनंद ने यह भी कहा कि मेडिकल एक्सपर्ट्स को जल्द से जल्द अस्पतालों में एम्पैनल किया जाना चाहिए।
–आईएएनएस
जीसीबी/एसजीके