नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
–आईएएनएस
एसजीके
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नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली में नई विशेष एमपी/एमएलए अदालतों की स्थापना पर उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना और आप सरकार के बीच एक ताजा विवाद छिड़ गया है।
ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
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ये नई अदालतें राउज़ एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत होंगी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद यह प्रस्ताव ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली सरकार के पास लंबित है।
हालांकि, आप सरकार ने दावा किया कि अदालत स्थापित करने की स्वीकृत फ़ाइल उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है।
गुरुवार शाम को आप सरकार ने एलजी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 जून को ही विशेष अदालत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
आप ने कहा, “प्रस्ताव उपराज्यपाल को उनकी राय के लिए भेजा गया था। तब से यह उपराज्यपाल के पास लंबित था। आज, जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके बारे में पूछताछ की, तो इसे उपराज्यपाल ने जल्दबाजी में पारित कर दिया।”
आप सरकार ने आगे कहा कि समान प्रकृति के विभिन्न प्रस्ताव सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बाद भी उपराज्यपाल की मंजूरी या राय का इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कहा गया, “हम उपराज्यपाल से इन प्रस्तावों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति या राय देने का आग्रह करते हैं। दिल्ली सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”