नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के कारण दिल्लीवासी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोस रहे हैं। लोगों ने बढ़ते प्रदूषण स्तर पर अंकुश लगाने में विफल रहने के लिए दिल्ली सरकार की जमकर आलोचना की।
गैस चैंबर में तब्दील दिल्ली को लेकर सोशल मीडिया पर एक नागरिक ने लिखा, “मरने तक घुटते रहना, हर दिल्लीवासी को ऐसा ही लग रहा है, कहां छुपे हैं केजरीवाल जी? अब पंजाब में भी उनकी सरकार है।”
केजरीवाल ने घोषणा की थी कि बढ़ते प्रदूषण स्तर के मद्देनजर दिल्ली के सभी सरकारी और प्राथमिक स्कूल शुक्रवार और शनिवार को बंद रहेंगे।
एक अन्य नागरिक ने लिखा, “हरियाणा में पराली जलाने की संख्या पंजाब की तुलना में बहुत कम है। ये राजनेता कब आरोप-प्रत्यारोप बंद करेंगे और लोगों के लिए काम करना शुरू करेंगे।”
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों और बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों के चलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
एक अन्य नागरिक ने लिखा, “हर साल, वही घातक नवंबर। भगवान हमारी मदद करें और केजरीवाल आप एक बार फिर बेनकाब हो गए।”
शुक्रवार की सुबह, दिल्ली में समग्र एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में था। ऐसा माना जाता है कि वायु प्रदूषण का स्तर अगले 3-4 दिनों तक अपरिवर्तित रहने की संभावना है और यह नवंबर के दूसरे सप्ताह में बढ़ सकता है, जब उत्तर-पश्चिम से हवाएं दिल्ली में आने लगेंगी, जो पराली जलाने वाले धुएं को लेकर आएंगी।
एक नागरिक ने लिखा, “सरकार की विफलता के कारण बच्चों और बूढ़ों को बहुत परेशानी हो रही है। हम कब सीखेंगे?”
–आईएएनएस
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