नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली सातों सांसद सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने यहां कपूरथला हाउस पहुंचे। लेकिन, मुख्यमंत्री ने उनसे मुलाकात नहीं की। सांसदों ने बताया कि वे दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के संबंध में ज्ञापन देना चाहते थे।
दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण का कहर अपने चरम पर पहुंच चुका है। आलम यह है कि आम लोगों का सांस लेना भी दूभर हो चुका है। भाजपा का आरोप है कि पंजाब में किसानों के पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। लेकिन, किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और दिल्ली सरकार पंजाब सरकार का लगातार बचाव कर रही है। सातों सांसद प्रदूषण पर मुख्यमंत्री भगवंत मान को ज्ञापन देना चाहते थे। लेकिन, मुख्यमंत्री ने उनसे मिलना तक जरूरी नहीं समझा।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रोष जाहिर करते हुए कहा, “दिल्ली में प्रदूषण की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है और आज इसे विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में पहचाना जा रहा है। आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से प्रदूषण को लेकर जिस लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है, उससे जनता की चिंताएं बढ़ गई हैं। हमें जानकारी मिली है कि पंजाब के मुख्यमंत्री यहां दिल्ली में मौजूद हैं और इसलिए हमने अपने सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर उनसे मिलने का प्रयास किया है, ताकि हम उन्हें दिल्ली की प्रदूषण की समस्या के बारे में बता सकें।”
उन्होंने आगे कहा, “26 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की 108 घटनाएं आधिकारिक रूप से दर्ज की गई थीं, जबकि दिल्ली में प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य संकट गहरा हो गया है। इस बीच, दिल्ली के मंत्री बार-बार उत्तर प्रदेश का नाम लेते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि हरियाणा में 11 और उत्तर प्रदेश में केवल 16 घटनाएं हुई हैं। इस तरह, जब आम आदमी पार्टी अपनी विफलताओं को छुपाने की कोशिश कर रही है, तो वह पड़ोसी राज्यों पर दोष डालने में लगी हुई है, लेकिन पंजाब सरकार का नाम नहीं ले रही है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगभग 3,330 करोड़ रुपये इन राज्यों को दिए हैं, फिर भी पंजाब में डेढ़ लाख से अधिक मशीनें धूल फांक रही हैं, जिनसे पराली जलाने को रोका जा सकता था। प्रदूषण के अन्य कारणों में दिल्ली की सड़कें, गड्ढे और वाहनों का प्रदूषण भी शामिल है। लेकिन, पंजाब के मुख्यमंत्री की उपस्थिति को देखते हुए हमें लगा कि हमें दिल्ली की जनता की ओर से उनका दर्द बताना चाहिए, ताकि वे पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण पाने का प्रयास करें।”
–आईएएनएस
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