नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 37 अरब जापानी येन (करीब 25 करोड़ डॉलर) के ऋण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका इस्तेमाल 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के निर्माण में किया जायेगा।
इससे पहले 2020 में, एडीबी ने दिल्ली को अन्य शहरों से जोड़ने के लिए एनसीआर क्षेत्रीय योजना 2021 के तहत योजनाबद्ध तीन प्राथमिकता वाले रेल गलियारों में से पहले आरआरटीएस के निर्माण का समर्थन करने के लिए परियोजना के लिए 104.9 करोड़ डॉलर के ऋण की मंजूरी दी थी जो कई किस्तों में जारी होना था।
अन्य परिवहन साधनों के साथ सहज आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के लिए आरआरटीएस में मल्टी-मॉडल हब होंगे। एडीबी ऋण की पहली किस्त 50 करोड़ डॉलर की थी और अन्य 50 करोड़ डॉलर का सह-वित्तपोषण एआईआईबी द्वारा किया गया था।
ऋण समझौते पर 15 दिसंबर को हस्ताक्षर करने वालों में आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी के उप देश निदेशक हो युन जियोंग थे।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के आबादी वाले हिस्सों से गुजरते हुए, 82 किलोमीटर का गलियारा तेज, सुरक्षित और उच्च क्षमता वाली यात्री पारगमन सेवाएं प्रदान करेगा। इससे यात्रा का समय 3-4 घंटे से घटकर एक घंटा रह जायेगा, क्षेत्र में आर्थिक और रोजगार के अवसरों का विस्तार होगा।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मुखर्जी ने कहा कि निवेश परियोजना आरआरटीएस को शहरी गतिशीलता में सुधार करने में सक्षम बनाएगी, और परियोजना के आर्थिक प्रभावों से महिलाओं और विकलांगों को भी लाभ होगा।
जियोंग ने कहा, “एडीबी का ऋण गलियारे के निर्माण में मदद कर रहा है, जो लोगों को कम कार्बन उत्सर्जन और कुशल रेल प्रणाली से यात्रा करने की अनुमति देगा और लाखों टन सीओ2 उत्सर्जन को बचाएगा और जलवायु परिवर्तन शमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
–आईएएनएस
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