नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। भगोड़े कारोबारी ललित मोदी के भाई और मोडिकेयर के प्रबंध निदेशक समीर मोदी के रेप मामले में साकेत कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की तीन दिन की अतिरिक्त पुलिस हिरासत की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पूरा मामला 2019 का पुराना रेप केस है, जिसमें समीर मोदी पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि 10 सितंबर 2025 को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। पीड़िता का दावा है कि समीर मोदी ने 2019 से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, जो सहमति से शुरू हुए लेकिन बाद में धोखे और धमकी से भरे हो गए।
महिला ने आरोप लगाया कि समीर ने उसे और उसके परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी, जबकि झूठे वादे करते रहे। पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच के लिए तीन दिन की हिरासत जरूरी है, ताकि आरोपी से और पूछताछ हो सके।
18 सितंबर को समीर मोदी को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया था। वे यूरोप की व्यावसायिक यात्रा से लौट रहे थे, जब लुकआउट सर्कुलर के तहत उन्हें रोक लिया गया। थाने ले जाए जाने के बाद कोर्ट में पेशी हुई, जहां एक दिन की पुलिस हिरासत दी गई।
समीर के वकील आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि यह सब जबरन वसूली का षड्यंत्र है। उन्होंने दावा किया कि अगस्त 2025 में समीर ने खुद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसी महिला पर 50 करोड़ रुपए की मांग करने और ब्लैकमेल का आरोप लगाया गया। वकील ने व्हाट्सएप चैट्स का हवाला देते हुए कहा कि शिकायत दुर्भावनापूर्ण है और समीर को फंसाने की साजिश रची गई।
–आईएएनएस
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