नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बंगाल गोल्फ एसोसिएशन की याचिका रद्द करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रामेश्वर सिंह मलिक भारतीय गोल्फ संघ (आईजीयू) चुनावों के लिए रिटर्निंग अधिकारी के रूप में बने रहेंगे। बंगाल गोल्फ एसोसिएशन ने रामेश्वर सिंह मलिक की नियुक्ति को रद्द करने की अपील की थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार देर रात बंगाल गोल्फ एसोसिएशन की अपील खारिज कर दी।
भारतीय गोल्फ संघ (आईजीयू) का चुनाव 15 दिसंबर (रविवार) को होने वाले हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईजीयू के अध्यक्ष ब्रिजिंदर सिंह द्वारा जस्टिस मलिक की रिटर्निंग अधिकारी के रूप में नियुक्ति से संबंधित पत्र को रद्द करने से इनकार कर दिया, जो कि सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस ओ पी गर्ग के इस्तीफे के बाद जारी किया गया था।
बंगाल गोल्फ एसोसिएशन ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से निम्नलिखित मांग की थी कि पांच दिसंबर 2024 को आईजीयू के अध्यक्ष द्वारा भेजे गए पत्र को रद्द किया जाए, जिसमें जस्टिस (रिटायर्ड) रामेश्वर सिंह मलिक को रिटर्निंग अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था, जबकि जस्टिस (रिटायर्ड) ओ पी गर्ग पहले ही नियुक्त हो चुके थे। इसके साथ ही आईजीयू के अध्यक्ष को चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार से बदलाव या हस्तक्षेप करने से रोका जाए।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में यूनियन ऑफ इंडिया, भारतीय गोल्फ संघ (इसके अध्यक्ष के माध्यम से), भारतीय ओलंपिक संघ, जस्टिस (रिटायर्ड) ओ पी गर्ग और जस्टिस (रिटायर्ड) रमेश्वर सिंह मलिक को प्रतिवादी बनाया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पक्षों की सुनवाई के बाद 10.12.2024 को एक विस्तृत आदेश पारित किया। उच्च न्यायालय ने पैराग्राफ 8 में दर्ज किया कि याचिकाकर्ता आईजीयू के अध्यक्ष द्वारा रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त करने के आदेश और बंगाल गोल्फ एसोसिएशन को चुनावी सूची से बाहर करने को रद्द करने की मांग कर रहा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पक्षों की सुनवाई के बाद चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने यह स्वीकार करते हुए कि जस्टिस (रिटायर्ड) रामेश्वर सिंह मलिक द्वारा जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार चुनाव 5 दिनों में होने हैं, कहा कि कोई विवाद चुनाव परिणामों को चुनौती देने के समय उठाया जा सकता है, न कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया के इस चरण में बंगाल गोल्फ एसोसिएशन और अन्य एसोसिएशनों को अयोग्य ठहराने के आईजीयू अध्यक्ष के निर्णय में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता या किसी अन्य पार्टी को चुनाव को चुनौती देने का अधिकार खुला रहेगा।
याचिकाकर्ता की जिन प्रार्थनाओं में आईजीयू के अध्यक्ष द्वारा जस्टिस (रिटायर्ड) रामेश्वर सिंह मलिक को रिटर्निंग अधिकारी के रूप में नियुक्त करने के आदेश को रद्द करने और अध्यक्ष द्वारा भेजी गई सूची को रद्द करने की मांग की गई थी, उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।
यह उल्लेखनीय है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) इस सुनवाई में अपने वकील के माध्यम से पूरी तरह से प्रतिनिधित्व कर रहा था। भारतीय ओलंपिक संघ को वर्तमान आदेश की जानकारी है।
–आईएएनएस
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