deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

दिल्ली हाईकोर्ट ने कारोबारी अरुण पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ाई

by
January 4, 2024
in राष्ट्रीय
0
दिल्ली हाईकोर्ट ने कारोबारी अरुण पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ाई
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

READ ALSO

आज का इतिहास

जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन बिहार चुनाव से पहले का लॉलीपॉप : उमंग सिंघार

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित शराब व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई की अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी है। पिल्लई अब समाप्त हो चुके दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी हैं।

हैदराबाद में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए राहत की मांग करने वाले पिल्लई को उनकी पहले से विस्तारित अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष पेश किया गया था।

यह प्रस्तुत किया गया है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कठिनाइयां बढ़ने लगीं। पिछले साल नवंबर में, अदालत ने पिल्लई को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पिल्लई की ओर से पेश हुए वकील नितेश राणा ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल की पत्नी को सर्जिकल प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि वह बेहद बीमार थी। उन्होंने कहा कि वह अकेली रहती थी इसलिए उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था।

इससे पहले ईडी ने पिल्लई की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। इसने एक अन्य याचिका पर भी जवाब दाखिल किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध और धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लंघन बताया गया।

याचिका में गिरफ्तारी के लिए आधार प्रदान करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनिवार्य और महत्वपूर्ण बताते हुए, पिल्लई ने कहा था कि गिरफ्तारी के लिए मौखिक या लिखित कोई भी आधार उन्हें कभी भी प्रदान नहीं किया गया था, जैसा कि पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत जरूरी था।

उनकी याचिका में आगे कहा गया है कि किसी भी विवादित रिमांड आदेश में इस बात की कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई है कि क्या ईडी के पास ‘विश्वास करने के कारण’ बनाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि पिल्लई पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी था।

याचिका में कहा गया है, “यह जिक्र करना उचित है कि रिमांड आवेदन में प्रतिवादी एजेंसी (ईडी) द्वारा जिन कथित तथ्यों पर जोर दिया गया है, वे पहले अभियोजन शिकायत में भी दर्ज किए गए थे।”

याचिकाकर्ता/आवेदक पहली अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम नौ मौकों पर और दूसरी अभियोजन शिकायत दर्ज करने के बाद कम से कम तीन मौकों पर ईडी के सामने पेश हुआ है, इन मौकों पर याचिकाकर्ता/आवेदक को प्रतिवादी एजेंसी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

Related Posts

आज का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय

आज का इतिहास

June 18, 2025
Uncategorized

जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन बिहार चुनाव से पहले का लॉलीपॉप : उमंग सिंघार

June 18, 2025
जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन बिहार चुनाव से पहले का लॉलीपॉप : उमंग सिंघार
राष्ट्रीय

जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन बिहार चुनाव से पहले का लॉलीपॉप : उमंग सिंघार

June 18, 2025
राष्ट्रीय

बार-बार फास्टैग रिचार्ज का झंझट होगा खत्म, नितिन गडकरी ने वार्षिक पास का किया ऐलान

June 18, 2025
अपराध और न्याय पर वैश्विक सम्मेलन : ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी करेगा मेजबानी
राष्ट्रीय

अपराध और न्याय पर वैश्विक सम्मेलन : ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी करेगा मेजबानी

June 18, 2025
राष्ट्रीय

विधानसभा चुनाव में 25 सीटों पर सिमटेंगे तेजस्वी : अशोक चौधरी

June 18, 2025
Next Post

अजारेंका क्वार्टर फाइनल में पहुंची, अगला मुकाबला ओस्टापेंको से होगा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

[email protected]

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

084818
Total views : 5895133
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In