नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से दो जून, 2017 और 19 अगस्त, 2019 को दर्ज दो प्राथमिकियों के मद्देनजर 2019 में पत्रकार प्रणय रॉय और राधिका रॉय के खिलाफ जारी लुकआउट सकरुलर (एलओसी) पर सवाल किया। ।
सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि लुकआउट सकरुलर अभी भी जारी है। यह भी नोट किया गया कि पहले का एलओसी 19 जून, 2020 को समाप्त हो गया था और उसके बाद दूसरा एलओसी खोला गया था।
उस पर न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आप हमेशा के लिए जारी नहीं रख सकते हैं।
न्यायमूर्ति ने कहा कि मामला इस तरह नहीं चल सकता है और मामले को 28 अप्रैल को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
उच्च न्यायालय ने 1 जून, 2022 को रॉय परिवार को यह कहते हुए विदेश यात्रा की अनुमति दी कि दोनों ने सीबीआई के साथ सहयोग किया है।
जस्टिस यशवंत वर्मा की सिंगल जज बेंच ने यह आदेश पारित किया था। दंपति ने 1 से 30 अगस्त, 2022 के बीच विदेश यात्रा की अनुमति मांगी थी।
सीबीआई ने तर्क दिया था कि वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच अभी भी जारी है और उनका विदेश जाना ठीक नहीं है।
हालांकि न्यायमूर्ति वर्मा इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि दंपति के विदेश जाने में कोई दिक्कत नहीं है।
2017 में एनडीटवी की प्रबंध समिति में युगल के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
–आईएएनएस
सीबीटी