नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ दिल्ली पुलसि द्वारा दर्ज प्राथमिकी के संबंध में चल रही जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि इस स्तर पर जांच पर रोक लगाने का कोई मामला नहीं बनता है। हालांकि, हाईकोर्ट ने ग्रोवर्स की याचिका पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और भारतपे को नोटिस जारी किया है, जिसमें एफआईआर को रद्द करने और जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत के आधार पर मई में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें युगल (पति-पत्नी) पर 81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट का जांच पर रोक लगाने से इनकार करना संकेत देता है कि ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही बेरोकटोक जारी रहेगी।
एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत दर्ज की गई थी। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले के संबंध में एक शिकायत मिली थी और आरोपों की शुरुआती जांच के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी।
भारतपे ने एक बयान में कहा कि हम ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा किए गए आपराधिक अपराधों के संबंध में कंपनी की शिकायत में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने का स्वागत करते हैं। पिछले 15 महीनों से कंपनी ग्रोवर द्वारा कंपनी बोर्ड और उसके कर्मचारियों के खिलाफ चलाए जा रहे एक शातिर और दुर्भावनापूर्ण अभियान का सामना कर रही है।
आगे कहा कि प्राथमिकी दर्ज करना सही दिशा में उठाया गया एक कदम है, जिससे परिवार द्वारा अपने व्यक्तिगत आर्थिक लाभ के लिए किए गए विभिन्न संदिग्ध लेनदेन का पता चलता है। यह एफआईआर अब कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आपराधिकता की गहराई से जांच करने और दोषियों को कटघरे में लाने में सक्षम बनाएगी।
भारतपे ने कहा कि हमें अपने देश की न्यायिक और कानून प्रवर्तन प्रणालियों पर पूरा भरोसा है। हम अधिकारियों को हर संभव सहयोग देना जारी रखेंगे।
–आईएएनएस
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