वाराणसी, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। महापर्व दीपावली का त्योहार आने वाला है, लेकिन इससे पहले ही तिथि को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है कि 20 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाए या 21 अक्टूबर को। इसी कंफ्यूजन को दूर करते हुए काशी विद्वत परिषद के महामंत्री रामनारायण द्विवेदी ने साफ कर दिया है कि किस दिन दीपावली का सही मुहूर्त है।
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री रामनारायण द्विवेदी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमारे सनातन धर्म में दिवाली का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है और मां लक्ष्मी की पूजा होती है, लेकिन कुछ कथाकथित पंचांगकारों ने दीवाली का पर्व 21 अक्टूबर का लिख दिया, जिसकी वजह से काशी विद्वत् परिषद की राष्ट्रीय बैठक बुलाई गई और हमने बड़े धर्म शास्त्रियों और आचार्यों के साथ मिलकर सूर्य सिद्धांती पंचांगों के अनुसार 20 अक्टूबर को दिवाली मनाने का फैसला लिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि “दिवाली मनाने और लक्ष्मी पूजन करने के लिए प्रदोष व्यापिनी अमावस्या जरूरी होती है, जो 20 अक्टूबर से शुरू होगी। ऐसे में दीपावली 20 अक्टूबर को मनाना शुभ रहेगा।”
प्रदोष व्यापिनी अमावस्या का मुहूर्त 20 अक्टूबर की दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। दिवाली का पूजन रात को अमावस्या के साथ होता है तो इसी वजह से दीपावली का त्योहार 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
कुछ लोगों में इसलिए कंफ्यूजन भी है, क्योंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि में त्योहार माना जाता है, लेकिन दिवाली का त्योहार रात में निशिथ काल में मनाया जाता है, इसलिए इस मामले में उदया तिथि को महत्वता नहीं दी गई है।
दिवाली के पूजन मुहूर्त की बात करें तो लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 8 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस समय मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन-धान्य और समृद्धि की वर्षा होगी।
इस दौरान मां लक्ष्मी के सिद्ध मंत्रों का जाप करना न भूलें। पूजा के लिए महा लक्ष्मी यंत्र और मां के पदचिन्हो का भी पूजन करें। माना जाता है कि मां के दिवाली के दिन महा लक्ष्मी यंत्र घर लाना बहुत शुभ होता है। मां लक्ष्मी साक्षात कृपा बरसाने के लिए उस घर में आती हैं।
–आईएएनएस
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