लखनऊ, 20 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736.06 करोड़ रुपये का बजट गुरुवार को विधानसभा में पेश किया। कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना ने बजट को दिशाहीन और असफल बताया।
आराधना मिश्रा मोना ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह दिशाहीन और असफल बजट है। केवल झूठे वादों के अलावा इसमें कुछ भी नया नहीं है। भाजपा सरकार ने जो वादे किए थे, वे भी पूरे नहीं किए। उन्होंने युवाओं को रोजगार देने का भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है। साथ ही बिजली संकट को लेकर किसी भी नई परियोजना का ऐलान नहीं किया गया है। इसके अलावा अपराध को कम करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने और साइबर क्राइम को रोकने के लिए कोई रोडमैप पेश नहीं किया गया है।”
उन्होंने कहा, “जिस तरह का बजट पेश किया गया है, उसमें पीडब्ल्यूडी के लिए भी कोई खास घोषणा नहीं की गई है। इस बजट में कुछ भी नया ऐलान नहीं किया गया है, जो निराशाजनक है। पिछले आठ साल से हम सुन रहे हैं कि कई हजार करोड़ के एमओयू साइन किए गए हैं, मगर इसकी वास्तविकता क्या है, इस पर बात नहीं होती है। सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि कितनी इंडस्ट्रीज बनी हैं और कितने युवाओं को अब तक रोजगार मिला है। सरकार के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है, क्योंकि इन्होंने सिर्फ कागजों पर ही घोषणा की हैं।”
योगी सरकार के इस मेगा बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि और संबंधित सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए छह प्रतिशत और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए चार प्रतिशत बजट एवं संसाधन आवंटित किए गए हैं।
बजट में पूंजीगत परिव्यय कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत है। प्रदेश में बुनियादी ढांचे और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने बजट का 22 प्रतिशत हिस्सा निर्धारित किया है। इसमें सड़क निर्माण, औद्योगिक विस्तार, परिवहन व्यवस्था और निवेश को आकर्षित करने जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है।
–आईएएनएस
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