नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। एक शोध में यह बात सामने आई है कि 25-49 वर्ष की आयु के वयस्कों में प्रारंभिक कोलोरेक्टल कैंसर (सीआरसी) जिसे कोलन कैंसर के रूप में भी जाना जाता है दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है। भारत में यह दर 50 देशों में सबसे कम है।
द लैंसेट ऑन्कोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चला है कि दुनिया भर के 50 देशों/क्षेत्रों में से 27 में प्रारंभिक अवस्था में होने वाले ‘सीआरसी’ में वृद्धि हो रही है। इनमें से 20 में प्रारंभिक अवस्था में होने वाले सीआरसी में तेजी से वृद्धि देखी गई है। अमेरिका सहित 14 अन्य देशों में युवा वयस्कों में दरें बढ़ रही हैं, जबकि 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में स्थिर हो रही हैं।
दूसरी ओर भारत में प्रारंभिक अवस्था और वृद्ध वयस्कों दोनों के मामले में सबसे कम घटना दर देखी गई है।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी में कैंसर निगरानी अनुसंधान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ह्युना सुंग ने कहा कि प्रारंभिक अवस्था में कोलोरेक्टल कैंसर में वृद्धि एक वैश्विक घटना है। सुंग ने कहा कि यह प्रवृत्ति पहले केवल उच्च आय वाले पश्चिमी देशों में देखी जाती थी, लेकिन अब यह व्यापक हो गई है।
अध्ययन का उद्देश्य 50 देशों/क्षेत्रों से 2017 तक के डेटा का उपयोग करके युवा बनाम वृद्ध वयस्कों में समकालीन सीआरसी की जांच करना था।
चिली, प्यूर्टो रिको, अर्जेंटीना, इक्वाडोर, थाईलैंड, स्वीडन, इजरायल और क्रोएशिया ने महिलाओं की तुलना में पुरुषों में प्रारंभिक सीआरसी में तेजी से वृद्धि की सूचना दी। हालांकि, इंग्लैंड, नॉर्वे, ऑस्ट्रेलिया, तुर्किये, कोस्टा रिका और स्कॉटलैंड में युवा महिलाओं में तेजी से वृद्धि देखी गई।
दोनों आयु समूहों में वृद्धि के रुझान वाले 13 देशों में, चिली, जापान, स्वीडन, नीदरलैंड, क्रोएशिया और फिनलैंड में वृद्धों की तुलना में युवाओं में वार्षिक प्रतिशत वृद्धि अधिक थी, थाईलैंड, मार्टिनिक, डेनमार्क, कोस्टा रिका में कम और तुर्किये, इक्वाडोर और बेलारूस में भी समान थी।
पिछले पांच वर्षों से प्रारंभिक सीआरसी की घटना दर ऑस्ट्रेलिया, प्यूर्टो रिको, न्यूजीलैंड, अमेरिका और कोरिया गणराज्य में सबसे अधिक (14 से 17 प्रति 100,000) और युगांडा और भारत में सबसे कम (4 प्रति 100,000) थी।
सुंग ने आहार संबंधी आदतों, शारीरिक निष्क्रियता और शरीर के अतिरिक्त वजन से जुड़े कैंसर को रोकने और नियंत्रित करने के लिए अभिनव उपकरणों की आवश्यकता पर जोर दिया।
विशेषज्ञ ने इस प्रवृत्ति के बारे में जागरूकता बढ़ाने और युवा लोगों में प्रारंभिक कोलोरेक्टल कैंसर के विशिष्ट लक्षणों जैसे मलाशय से रक्तस्राव, पेट में दर्द, मल त्याग की आदतों में बदलाव और बिना किसी कारण के वजन कम होने के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया।
–आईएएनएस
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