दुबई, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। दुबई पुलिस ने हज यात्रा कराने के नाम पर 30 लाख दिरहम का अग्रिम भुगतान स्वीकार कर संयुक्त अरब अमीरात के 150 नागरिकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में एक प्रवासी भारतीय को गिरफ्तार किया है।
खलीज टाइम्स अखबार की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, शारजाह स्थित बैतुल अतीक ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले 44 वर्षीय शबीन रशीद को इस महीने की शुरुआत में पुलिस हिरासत में ले लिया गया था। लोगों ने शिकायत की थी कि उसने उन्हें मझधार में छोड़ दिया और पैसे वापस नहीं किए।
रशीद की एजेंसी से तीर्थयात्रा का पैकेज बुक करने वाले दुबई निवासी मोहम्मद साकिब ने कहा, “अगर हज पर न जाना बहुत ज्यादा बुरा नहीं था, तो हमारा पैसा भी फंस गया है।”
रशीद ने शुरू में माफी मांगते हुए दावा किया कि वीजा जारी करने में आखिरी मिनट में बदलाव के कारण समस्याएं पैदा हुईं। उसने पैसे लौटाने का वादा किया था।
पिछले महीने रशीद ने कहा था कि वह रिफंड के लिए भारत में अपनी संपत्ति बेच रहा है और वित्तीय नुकसान, मानहानि और भावनात्मक क्षति का हवाला देते हुए एक सऊदी कंपनी के खिलाफ मुआवजे का मामला तलाश रहा है।
लेकिन लोगों को उनका पैसा कभी वापस नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
दुबई पुलिस ने बैतुल अतीक के ग्राहकों को रशीद की गिरफ्तारी की सूचना भेज दी।
इसके बाद, बैतुल अतीक के एक प्रतिनिधि ने व्हाट्सएप के माध्यम से रिफंड का इंतजार कर रहे व्यक्तियों से संपर्क किया और खबर की पुष्टि की।
खलीज टाइम्स द्वारा साझा किए गए संदेश में कहा गया है, “हमें खेद के साथ आपको सूचित करना पड़ रहा है कि कुछ हज सदस्यों द्वारा की गई एक रिपोर्ट के कारण शबीन हिरासत में है। इस प्रकार, हम उनकी रिहाई तक रिफंड से संबंधित किसी भी प्रगति पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकते।”
संदेश में कहा गया, “हालांकि, सऊदी में हमारा साझेदार अभी भी वहां से रिफंड पर काम कर रहा है। हमें इस दौरान आपके धैर्य और समर्थन की सख्त जरूरत है।”
दुबई निवासी साकिब इमाम, जिन्होंने पिछले साल इसी समय के आसपास 20 हजार दिरहम का भुगतान किया था, ने कहा कि उन्हें अब तक केवल पांच हजार दिरहम मिले हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी के खिलाफ कितनी पुलिस शिकायतें दर्ज की गईं या कितने ग्राहकों को आंशिक रूप से धन वापस किया गया है।
इससे पहले, रशीद ने 20 व्यक्तियों को धन वापस करने का दावा किया था, लेकिन अखबार के बार-बार अनुरोध के बावजूद नाम और संपर्क नंबर के संदर्भ में सबूत देने में विफल रहा।
–आईएएनएस
एकेजे